इलाहाबाद विश्वविद्यालय के रजिस्‍ट्रार एवं वित्त अधिकारी को इन विश्वविद्यालयों में मिली अहम जिम्मेदारी

इविवि के रजिस्ट्रार और जेके इंस्टीट्यूट ऑफ एप्लाइड फिजिक्स एंड टेक्नोलॉजी में काप्यूटर विज्ञान विभाग के प्रोफेसर एनके शुक्‍ल को असम केंद्रीय विश्वविद्यालय ने वित्त समिति का सदस्य व वित्त अधिकारी डाक्टर सुनील कांत मिश्र को लखनऊ के बाबा साहब भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की वित्त समिति का सदस्य बनाया गया।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 10:18 AM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 10:18 AM (IST)
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के रजिस्‍ट्रार एवं वित्त अधिकारी को इन विश्वविद्यालयों में मिली अहम जिम्मेदारी
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर एनके शुक्‍ल को असम केंद्रीय विश्वविद्यालय ने वित्त समिति का सदस्य मनोनीत किया है।

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) के रजिस्ट्रार प्रोफेसर एनके शुक्ल और वित्त अधिकारी डाक्टर सुनील कांत मिश्र को अलग-अलग विश्वविद्यालय में अहम जिम्मेदारी मिली हैं। दोनों लोगों को वित्त समिति का सदस्य मनोनीत किया गया है। दोनों विश्वविद्यालय ने आधिकारिक तौर पर नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है।

प्रोफेसर एनके शुक्ल को असम विवि का जिम्मा

इविवि के रजिस्ट्रार और जेके इंस्टीट्यूट ऑफ एप्लाइड फिजिक्स एंड टेक्नोलॉजी में काप्यूटर विज्ञान विभाग के प्रोफेसर एनके शुक्‍ल को असम केंद्रीय विश्वविद्यालय ने वित्त समिति का सदस्य मनोनीत किया है। उनकी नियुक्ति तीन वर्ष के लिए वहां के कुलपति ने की है। असम विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉक्टर पीके नाथ ने इस आशय का नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि कुलपति की अध्यक्षता में कार्य परिषद की बैठक में सर्वसम्मति से प्रोफेसर शुक्ल के नाम पर अंतिम मुहर लगी है।

डाक्टर सुनील कांत को आंबेडकर विवि लखनऊ का जिम्मा

इविवि के वित्त अधिकारी डाक्टर सुनील कांत मिश्र को लखनऊ के बाबा साहब भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की वित्त समिति का सदस्य मनोनीत किया गया है। विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से इस आशय का नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है।

प्रशासनिक जिम्मेदारी पर मजबूत है पकड़

प्रोफेसर एनके शुक्ल की पकड़ प्रशासनिक स्तर पर काफी मजबूत मानी जाती है। यही वजह है कि पूर्व में वह इविवि में कई अहम जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। वह कई अहम फैसले भी ले चुके हैं। इसके अलावा मिश्र भी काफी सफल रहे। यही वजह है को इन्हें यह अहम जिम्मा सौंपा गया है और इन पर भरोसा जताया गया है।

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