प्रयागराज में गंगापार अध्यक्ष रामकिशुन की कुर्सी छिनने के बाद कांग्रेस में बगावत की गूंज

कांग्रेस की शहर उपाध्यक्ष पूनम सिंह और जिला सचिव अभिषेक पांडेय ने पद से इस्तीफा दे दिया। इसी बीच बुधवार को गंगापार के जिला सचिव और प्रधान संघ के जिलाध्यक्ष विजय सिंह पटेल ने पार्टी हाईकमान के सामने इस्तीफे की पेशकश कर दी।

By Rajneesh MishraEdited By: Publish:Thu, 21 Jan 2021 10:42 AM (IST) Updated:Thu, 21 Jan 2021 10:42 AM (IST)
प्रयागराज में गंगापार अध्यक्ष रामकिशुन की कुर्सी छिनने के बाद कांग्रेस में बगावत की गूंज
अब गंगापार के जिला सचिव पद से विजय सिंह पटेल ने इस्तीफे की पेशकश कर दी है।

प्रयागराज,जेएनएन। जिला कांग्रेस कमेटी के गंगापार अध्यक्ष रामकिशुन पटेल से कुर्सी छिनने के बाद इन दिनों कांग्रेस में बगावत की गूंज है। तमाम पदों से इस्तीफे की पेशकश शुरू हुई, जो अब तक थमने का नाम नहीं ले रही है। अब गंगापार के जिला सचिव पद से विजय सिंह पटेल ने इस्तीफे की पेशकश कर दी है।

सुरेश को सौंपी गई थी कमान

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के जनरल सेक्रेटरी केसी वेणुगोपाल ने आठ जनवरी को गंगापार अध्यक्ष रामकिशुन पटेल को पैदल कर दिया था। उनकी जगह इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ के महामंत्री रहे सुरेश यादव को कमान सौंपी गई। इसके बाद जिला कांग्रेस का तेवर पार्टी हाईकमान के खिलाफ ही बगावती हो गया।

फिर शुरू हो गया इस्तीफा

कांग्रेस की शहर उपाध्यक्ष पूनम सिंह और जिला सचिव अभिषेक पांडेय ने पद से इस्तीफा दे दिया। इसी बीच बुधवार को गंगापार के जिला सचिव और प्रधान संघ के जिलाध्यक्ष विजय सिंह पटेल ने पार्टी हाईकमान के सामने इस्तीफे की पेशकश कर दी। विजय ने रामकिशुन को जिलाध्यक्ष के पद से हटाकर पार्टी को क्षति पहुंचाई गई है।

पार्टी हाईकमान पर ही आरोप

विजय ने आरोप लगाया कि पटेल बिरादरी का अपमान किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व में सुशील पासी को जिला प्रभारी के पद से हटाकर पार्टी को क्षति पहुंचाई गई थी। पार्टी हाईकमान को भेजे गए पत्र में उन्होंने यह भी कहाकि यदि पार्टी विरोधी गतिविधि के लिए जिम्मेदार के खिलाफ शिकंजा नहीं कसा गया तो निश्चित तौर पर पार्टी का अपूर्णनीय क्षति होगी।

गंगापार अध्यक्ष ने कहा आरोप अनर्गल

इस संदर्भ में गंगापार अध्यक्ष सुरेश यादव का कहना है कि पार्टी में सभी का स्वागत है। पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को पार्टी के निर्देश का स्वागत करना चाहिए। इसका विरोध नहीं करना चाहिए। इसके अलावा किसी भी जाति और धर्म को लेकर अनर्गल आरोप लगाए जा रहे हैं। इनसे बचना चाहिए।

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