Rashtriya Swayamsevak Sangh: हिंदू समाज को जागृत करने में आरएसएस के 2400 पूर्णकालिक प्रचारक, विस्तारक जुटे
Rashtriya Swayamsevak Sangh 50 लाख स्वयंसेवकों की मजबूत ताकत हमारे पास है। हिंदू समाज को जागृत करने के लिए 2400 पूर्णकालिक प्रचारक और विस्तारक लगे हैं। ये बातें चेन्नई से प्रयागराज आए अखिल भारतीय सह शारीरिक शिक्षण प्रमुख जगदीश ने प्रयागराज में कहीं।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। चेन्नई से प्रयागराज आए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह शारीरिक शिक्षण प्रमुख जगदीश ने बताया कि आज आरएसएस जहां है, वहां पहुंचने में 96 वर्ष लगे। कठोर साधना के फलस्वरूप संघ इस मुकाम पर पहुंचा है। एक शाखा से शुरू हुआ संघ दुनिया के 60 देशों में किसी न किसी रूप में अपने कार्य को संचालित कर रहा है। आरएसएस की प्रेरणा से 120 संगठन कार्य कर रहे हैं।
50 लाख स्वयंसेवकों की ताकत हमारे पास है : जगदीश
उन्हाेंने कहा कि 50 लाख स्वयंसेवकों की मजबूत ताकत हमारे पास है। हिंदू समाज को जागृत करने के लिए 2400 पूर्णकालिक प्रचारक और विस्तारक लगे हैं। प्राथमिक शिक्षा वर्ग में प्रतिवर्ष सवा लाख स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। इसी तरह संघ शिक्षा वर्ग में प्रतिवर्ष 30000 नए स्वयंसेवकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। देश भर में प्रति वर्ष 32 से 35 लाख स्वयंसेवक गुरु पूजन करते हैं। 11000 सेवा बस्तियों में संघ की ओर से सवा लाख से ज्यादा सेवा के कार्य संचालित हो रहे हैं। वास्तव में संघ का जितना विरोध हुआ वह उतना चमका।
बोले, विजयादशमी शक्ति संचय का पर्व है
अखिल भारतीय सहशारीरिक प्रमुख जगदीश ने विजयादशमी के महत्व को भी रेखांकित किया। कहा कि संघ की स्थापना का दिन होने के कारण इसका महत्व प्रत्येक स्वयंसेवक के लिए बढ़ जाता है। यह आसुरी शक्ति पर दैवी शक्ति के विजय का पर्व है। इसी भाव को लेकर संघ की स्थापना की गई। मां दुर्गा की उपासना से भी यह पर्व जुड़ा है। वास्तव में शक्ति संचय का भी यह पर्व है। हिंदू समाज को इससे प्रेरणा लेनी चाहिए। अखिल भारतीय सहशारीरिक प्रमुख ने कहा कि विजयादशमी पर हिंदू समाज के लोग शस्त्र पूजन करते हैं। आज आवश्यकता है सभी लोग अपने पुराने शस्त्रों की साफ सफाई करने के साथ ही एक नए शस्त्र को जरूर खरीदें।