Ramadan 2021: रमजान का महीना आखिरी पड़ाव पर है, कोरोना वायरस से निजात की मांगी जा रही दुआएं
Ramadan 2021 मौलाना व मुफ्ती हबीबुर्रहमान कासमी कहते हैं कि रमजान के आखिरी दिनों का अंतिम अवसर समझकर लोगों को अल्लाह से अपने मां-बाप के साथ खुद के गुनाहों की खुदा की बारगाह में गिड़गिड़ा कर माफी मांगनी चाहिए।
प्रयागराज, जेएनएन। रमजान का महीना अब अपने आखिरी पड़ाव पर है। शुक्रवार को 24 रोजा मुकम्मल हो गया। इसी इस रात को तीसरे शब-ए कद्र के रूप में अकीदतमंदों ने जहन्नुम से निजात और कोरोना संक्रमण खत्म होने के लिए अपने अपने घरों में अल्लाह की बारगाह में दुआएं की।
रमजान के महीने में तीन अशरे होते हैं
रमजान के महीने में तीन अशरे होते हैं। पहला रहमत, दूसरा मगफिरत और तीसरा जहन्नम से निजात दिलाने वाला है। इसी अशरे में पांच ताक रातों को इबादत का खास एहतेमाम किया जाता है। इसमें एक बाबरकत रात शबे कद्र भी है। इस रात में की गई इबादत का सवाब एक हजार रातों की इबादत से बढ़ कर बताया गया है। इस संबंध में मौलाना व मुफ्ती हबीबुर्रहमान कासमी कहते हैं कि रमजान के आखिरी दिनों का अंतिम अवसर समझकर लोगों को अल्लाह से अपने मां-बाप के साथ खुद के गुनाहों की खुदा की बारगाह में गिड़गिड़ा कर माफी मांगनी चाहिए।
ग्रामीण अंचल में अकीदत के साथ अदा की गई नमाज
नगर पंचायत फूलपुर सहित ग्रामीण अंचलों में शुक्रवार को रमजान के अंतिम जुमा पर नमाज अदा की गई। इस अवसर पर सरकार द्वारा जारी कोविड-19 के गाइडलाइन का पालन करते हुए अकीदतमंद घरों पर और निर्धारित संख्या में मस्जिदों में नमाज अलविदा की अदा की।