रमजान 2021: आखिरी शबेकद्र की रात भर चली इबादत, रोजेदारों ने परिवार संग जागकर पढ़ी नमाज ए कजाए उमरी

कुछ ही दिन में रमजान पूरा होने के साथ ही ईद का पर्व मनाया जाएगा जिसकी तैयारी मुस्लिम परिवारों में की जा रही है। अबकी लोग खुलकर खरीदारी नहीं कर पा रहे हैं। इस बीच रमजान के महीने की आखिरी शबेकद्र की मंगलवार की रात में रोजेदारों ने इबादत किया।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Wed, 12 May 2021 07:00 AM (IST) Updated:Wed, 12 May 2021 07:32 AM (IST)
रमजान 2021: आखिरी शबेकद्र की रात भर चली इबादत, रोजेदारों ने परिवार संग जागकर पढ़ी नमाज ए कजाए उमरी
रोजेदारों ने परिवार के सदस्यों के साथ रातभर जागकर नमाज ए कजाए उमरी पढ़ा, तल्लातुत तसबीह की नमाज अदा किया

प्रयागराज, जेएनएन। पाक माह रमजान अब आखिरी पायदान में है। रमजान पूरा होने के साथ ही ईद का पर्व मनाया जाएगा जिसकी तैयारी मुस्लिम परिवारों में की जा रही है। कोरोना की बंदी की वजह से अबकी लोग खुलकर खरीदारी भी नहीं कर पा रहे हैं। इस बीच रमजान के महीने की आखिरी शबेकद्र की मंगलवार की रात में रोजेदारों ने इबादत किया। रोजेदारों ने परिवार के सदस्यों के साथ रातभर जागकर नमाज ए कजाए उमरी पढ़ा, तल्लातुत तसबीह की नमाज अदा किया। साथ ही दुरुद शरीफ पढ़े और कुरान की तिलावते पढ़ी।

अल्लाह के फरिश्ते आते हैं जमीन पर

रोजेदारों ने इसके जरिए हर किसी से अल्लाह के दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। नेकी के विचारों को आत्मसात किया। रमजान के महीने में शबेकद्र की आखिरी रात का विशेष महत्व माना जाता है। मान्यता है कि इस रात में अल्लाह ने कुरान शरीफ को नाजिल किया। इसके बारे में कुरान शरीफ के 30वें पारे में इन रातों के बारे में एक पूरी सूरे नाजिल हुई है, जिसको सूरे कद्र कहते है। शबेकद्र की आखिरी रात में इबादत करने वालों को एक हजार महीनों की इबादत का सवाब मिलता मिलता है। हदीस शरीफ में बताया गया है कि अल्लाह के फरिश्ते इन रातों में बड़ी तादाद में जमीन पर आते है और इसमें इबादत करने वालों से मुलाकात करते है। 

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