Ram Navami 2021: आज दिन में 11.02 बजे से मनाएं प्रभु श्रीराम का प्राकट्य उत्सव, मिलेगी सौम्यता और शांति Prayagraj News
पराशर ज्योतिष संस्थान के निर्देशक आचार्य विद्याकांत पांडेय बताते हैं कि प्रभु श्रीराम के चित्र अथवा मूर्ति को गंगाजल से स्नान कराकर उसमें अक्षत रोली चंदन धूप गंध अर्पित करके षोडशोपचार पूजन करें। भगवान को तुलसी का पत्ता कमल का पुष्प चढ़ाकर फल व खीर का भोग लगाएं।
प्रयागराज,जेएनएन। चैत्र शुक्लपक्ष की नवमी तिथि पर बुधवार को प्रभु श्रीराम का प्राकट्य उत्सव बनाया जाएगा। ज्योतिर्विद आचार्य देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी बताते हैं कि श्रीराम का प्राकट्य चैत्र शुक्लपक्ष की नवमी तिथि पर दिन में हुआ था। उस समय कर्क लग्न, पुनर्वसु नक्षत्र का संयोग था। बुधवार को दिन में 11.02 से 1.20 बजे तक कर्क लग्न है। जबकि मेष राशि में सूर्य, बुध व शुक्र ग्रह का संचरण होगा। श्रीराम का प्राकट्य उत्सव इसी समयावधि में मनाना चाहिए। इससे सौम्यता व शांति की प्राप्ति होगी।
श्रीराम का प्राकट्य उत्सव ऐसे मनाएं
पराशर ज्योतिष संस्थान के निर्देशक आचार्य विद्याकांत पांडेय बताते हैं कि प्रभु श्रीराम के चित्र अथवा मूर्ति को गंगाजल से स्नान कराकर उसमें अक्षत, रोली, चंदन, धूप, गंध अर्पित करके षोडशोपचार पूजन करें। भगवान को तुलसी का पत्ता, कमल का पुष्प चढ़ाकर फल व खीर का भोग लगाएं। फिर झूला में विराजमान करके झुलाएं। फिर यथासंभव श्रीरामचरितमानस, रामायण अथवा रामरक्षास्तोत्र का पाठ करके आरती उतारें।
इन मंत्रों का करें जप
आचार्य विद्याकांत बताते हैं कि प्रभु श्रीराम के नाम के मंत्रों का जप करना पुण्यकारी होता है। इसमें 'श्रीराम चंद्राय नम: रामाय नम:, क्लीं राम क्लीं राम, श्रीं राम श्रीं राम, ऊं राम ऊं राम ऊं राम, श्रीराम शरणं मम्, श्रीराम जयराम जय-जय रामÓ में से किसी एक का 108 बार जप करना पुण्यकारी होगा।