शिव धनुष टूटते ही राम की हो गई सिया

शुभम रामलीला कमेटी अल्पी का पूरा (सेरावां) के बैनर तले आयोजित रामलीला के तीसरे दिन बुधवार की रात शिव धनुष यज्ञ और सीता स्वयंवर का भावपूर्ण मंचन किया गया। भगवान शिव के धनुष को श्रीराम द्वारा खंडित करने के साथ सीता ने उनके गले में वरमाला डाली तो श्रीराम के जयकारे से पूरा पंडाल गूंज उठा।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Oct 2020 08:49 PM (IST) Updated:Wed, 28 Oct 2020 08:49 PM (IST)
शिव धनुष टूटते ही राम की हो गई सिया
शिव धनुष टूटते ही राम की हो गई सिया

संसू, अटरामपुर : शुभम रामलीला कमेटी अल्पी का पूरा (सेरावां) के बैनर तले आयोजित रामलीला के तीसरे दिन बुधवार की रात शिव धनुष यज्ञ और सीता स्वयंवर का भावपूर्ण मंचन किया गया। भगवान शिव के धनुष को श्रीराम द्वारा खंडित करने के साथ सीता ने उनके गले में वरमाला डाली तो श्रीराम के जयकारे से पूरा पंडाल गूंज उठा।

मिथिला नरेश महाराजा जनक ने सीता जी के विवाह के लिए शर्त रखी कि जो भी शिव धनुष को खंडित करगा उसी से सीता का विवाह होगा। इसके लिए तमाम देशों के राजाओं को आमंत्रित किया। उधर महíष नारद ने लंकापति रावण और पाताल नरेश बाणासुर को जब यह बात बताई तो दोनों आक्रोशित होकर स्वयंवर स्थल पर पहुंचे। तमाम राजाओं ने धनुष तोड़ना चाहा पर वे उसे हिला तक नहीं सके। उसके बाद महाराजा जनक कहने लगे कि लगता है पृथ्वी वीरों से खाली है..। फिर गुरु विश्वामित्र की आज्ञा लेकर भगवान राम ने शिव धनुष को उठाकर खंडित कर दिया और सीता ने राम के गले में वररमाला डाल दी। इसके बाद क्रोधी परशुराम और लक्ष्मण के बीच संवाद का दूश्य देख दर्शक रोमांचित हो उठे। भगवान राम के रूप में सत्यम पांडेय, लक्ष्मण अनूप पांडेय, जनक विनोद तिवारी, सीता सिद्धांत शुक्ल, रावण कपिल शुक्ल, बाणासुर की भूमिका विकास शुक्ल ने निभाई। इस दौरान शशिकांत पांडेय, राजेश शुक्ल, नीरज शुक्ल, देवीप्रसाद पांडेय, विनोद पांडेय, दीवान पांडेय, आनंद पांडेय, आदित्य, पीयूष शुक्ल आदि लोग उपस्थित रहे।

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