Water Conservation: 35 फीसद सस्ता हुआ रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम, एयरवेंट्स तकनीक से रिचार्ज जल में डेढ़ गुना बढ़ोत्तरी
मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआइटी) के एसोसिएट प्रोफेसर डा. हेमंत कुमार पांडेय ने इस नई तकनीक को ईजाद किया है। एयरवेंट्स तकनीक में रीचार्ज वेल बीच में होता है और उसके चारों तरफ जीआइ पाइप लगी होती है। इसमें जमीन से एयर निकलती रहती है
प्रयागराज, जेएनएन। घरों, दफ्तरों, होटलों और अपार्टमेंट में लगाए जाने वाले रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम सामान्य तौर पर रीचार्ज वेल तकनीक पर काम करते हैं। इस तकनीक में जगह और खर्च (दोनों) ज्यादा लगता है। जल का रिचार्ज रेट भी कम रहता है। लेकिन, एयरवेंट्स तकनीक से रेन वॉटरहार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने पर जगह एवं खर्च कम आएगा। जल का रिचार्ज रेट भी डेढ़ गुना तक ज्यादा रहेगा। इस तकनीक से जल रिचार्ज करना लोगों को करीब 35 फीसद तक सस्ता पड़ेगा।
भूगर्भ जलस्तर के तेजी से गिरावट को रोकने का दावा
मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआइटी) के एसोसिएट प्रोफेसर डा. हेमंत कुमार पांडेय ने इस नई तकनीक को ईजाद किया है। एयरवेंट्स तकनीक में रीचार्ज वेल बीच में होता है और उसके चारों तरफ जीआइ पाइप लगी होती है। इसमें जमीन से एयर निकलती रहती है और जमीन के अंदर बरसाती पानी तेजी से जाता है। हालांकि, रीचार्ज वेल तकनीक में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने का खर्च छत (कैचमेंट) की एरिया पर निर्भर करता है। उदाहरण के तौर पर एक हजार स्क्वायर मीटर क्षेत्रफल में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने पर अगर 50 हजार रुपये का खर्च आता है तो एयरवेंट्स तकनीक में इसे लगाने पर लगभग 35 फीसद तक खर्च कम आने का दावा है।
डेढ़ गुना तक बढ़ जाएगा रिचार्ज रेट
एसोसिएट प्रोफेसर डा. पांडेय का कहना है कि रेन वॉटर हार्वेस्टिंग के लिए जो रिचार्ज वेल बनाए जाते हैं। इस तकनीक में उसके अगल-बगल एक-डेढ़ इंच की जीआइ पाइप 50 से 60 फीट की गहराई तक लगाने पर रिचार्ज जल का रेट करीब डेढ़ गुना तक बढ़ जाएगा।
एमएनएनआइटी में किया जा चुका ट्रायल
एयरवेंट्स तकनीक से रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का ट्रायल एमएनएनआइटी में किया जा चुका है। उनका दावा है कि इस तकनीक से रेन वॉटर हार्वेस्टिंग लगाने पर भूगर्भ जलस्तर की तेजी से गिरावट रोकी जा सकती है।