रेलवे में नौकरी के दौरान जान गंवाने वाले आश्रित को सिर्फ पांच दिन में नौकरी Prayagraj News

रेलवे मृतक आश्रितों को नौकरी देने में विलंब नहीं कर रहा है। नौकरी के दौरान जान गंवाने वाले आश्रित को पांच दिन में नौकरी दी जा रही है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Fri, 22 Nov 2019 08:28 AM (IST) Updated:Fri, 22 Nov 2019 08:28 AM (IST)
रेलवे में नौकरी के दौरान जान गंवाने वाले आश्रित को सिर्फ पांच दिन में नौकरी Prayagraj News
रेलवे में नौकरी के दौरान जान गंवाने वाले आश्रित को सिर्फ पांच दिन में नौकरी Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। कर्मचारी हित रेलवे की प्राथमिकता में हैं। इसलिए यहां पर मृतक आश्रित को नौकरी देने में देरी नहीं हो रही है। अब हर हाल में मृतक आश्रित को 90 दिन में उसकी योग्यता के अनुसार नौकरी दी जा रही है। हाल ही में नौकरी के दौरान जान गंवाने वाले कर्मचारी के आश्रित को पांच दिन में ही नौकरी दी गई है। ऐसा कहना है एनसीआर के डीआरएम का।

बोले एनसीआर के डीआरएम, कर्मचारियों व उनके परिवारों का रखा जाता है ख्याल

उत्तर मध्य रेलवे इलाहाबाद मंडल के डीआरएम अमिताभ ने बताया कि विभाग की ओर से कर्मचारियों और उनके परिवारों का पूरा ख्याल रखा जाता है। पिछले दिनों ड्यूटी के दौरान फतेहपुर स्टेशन पर ग्रुप डी कर्मचारी उमा शंकर ट्रैकमैन की चार अक्टूबर को मौत हो गई थी। उनकी पत्नी संगीता देवी को पांच दिन बाद ही नौ अक्टूबर को रेलवे में नियुक्ति दे दी गई। पीआरओ सुनील गुप्ता ने बताया कि रेलवे बोर्ड के चार्टर के अनुसार किसी कर्मचारी की मौत के बाद 90 दिनों में उनके आश्रित को अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति दी जा रही है।

अनुकंपा नियुक्ति के लंबित थे मामले, सभी को नियुक्ति दी

इस वित्तीय वर्ष की शुरुआत में अनुकंपा नियुक्ति के कुल 98 मामले लंबित थे। उन सभी को नियुक्ति दे दी गई। सत्र 2019-20 में 201 प्रकरण आए उसमें से 164 को नियुक्ति दी जा चुकी है, जबकि 37 प्रकरणों पर कार्यवाही की जा रही है। अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति आफिस क्लर्क, कामर्शियल क्लर्क, असिस्टेंट स्टेशन मास्टर, गार्ड, खलासी, ट्रैक मैन आदि पदों पर की जा रही है।

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