Railway Group D Exam 2018: फर्जीवाड़ा करने वाले बिहार, गाजीपुर व प्रतापगढ़ के तीन अभ्यर्थी पकड़े गए
Railway Group D Exam 2018 मनोज कुमार ने बताया कि एक लाख रुपये देकर उसने दूसरे से परीक्षा दिलवाई थी। फिर उसमें उत्तीर्ण होने के बाद फिजिकल में खुद आया था। प्रतापगढ़ के कुंडा निवासी सुरेंद्र कुमार और बिहार के लखीसराय निवासी मुकेश कुमार भी फर्जीवाड़े में पकड़े गए।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। रेलवे में ग्रुप डी की नौकरी पाने के लिए तीन अभ्यर्थियों ने अपनी जगह दूसरे को बैठाकर परीक्षा दिलवाई थी। अंतिम चरण यानी प्रमाण पत्रों की जांच के समय उन्हें पकड़ लिया गया। तीनों युवकों को डिबार कर दिया गया है। आरोपित प्रतापगढ़, बिहार और गाजीपुर के निवासी हैं। रेलवे भर्ती प्रकोष्ठ (आरआरसी) प्रयागराज से 2018 में ग्रुप डी की भर्ती निकली थी। लिखित परीक्षा 2019 में कराई गई।
प्रमाणपत्रों की जांच में खुला फर्जीवाड़ा
परिणाम आने के बाद सफल अभ्यर्थियों को फिजिकल, मेडिकल के उपरांत प्रमाणपत्रों की जांच कर नियुक्ति पत्र दिया जाने लगा। तीन चरणों में अभ्यर्थियों को बुलाकर नियुक्ति पत्र दिया जा चुका है। चौथे चरण में 62 अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों की जांच प्रक्रिया आरआरसी में सोमवार से शुरू होकर बुधवार तक चलेगी। सोमवार को जांच के दौरान गाजीपुर निवासी मनोज कुमार पुत्र राम नारायण का सर्टिफिकेट कुछ संदिग्ध लगा। परीक्षा के दौरान उसकी फोटो और ताजी फोटो में अंतर मिला। बायोमीट्रिक भी मैच नहीं हुआ।
एक लाख रुपये देकर दूसरे परीक्षा दिलाई थी
कड़ाई से पूछताछ में मनोज कुमार ने बताया कि एक लाख रुपये देकर उसने दूसरे से परीक्षा दिलवाई थी। फिर उसमें उत्तीर्ण होने के बाद फिजिकल में खुद आया था। उम्मीद थी कि नौकरी मिल जाएगी लेकिन अब पकड़े गए। ऐसे ही मंगलवार को प्रतापगढ़ के कुंडा निवासी सुरेंद्र कुमार पुत्र फूलचंद्र सरोज और बिहार के लखीसराय निवासी मुकेश कुमार पुत्र अरविंद कुमार फर्जीवाड़े में पकड़े गए। यह भी अपनी जगह परीक्षा में दूसरे को बैठाए थे।
आरआरसी के चेयरमैन बोले- तीनों को डिबार किया गया
आरआरसी प्रयागराज के चेयरमैन अतुल मिश्रा ने कहा कि तीन अभ्यर्थियों ने अपनी जगह दूसरे से परीक्षा दिलवाई है। फर्जीवाड़ा पकड़ में आने के बाद तीनों को डिबार कर दिया गया है।