ई-कॉमर्स कंपनियों के बढ़ते कदम से परंपरागत बाजार सिकुड़े

ई-कामर्स कंपनियों के बढ़ते कमद से परंपरागत बाजार सिकुड़े। उनके जितने रेट पर रिटेल कारोबारियों के लिए बेचना मुमकिन नहीं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Sep 2020 09:42 PM (IST) Updated:Fri, 25 Sep 2020 05:09 AM (IST)
ई-कॉमर्स कंपनियों के बढ़ते कदम से परंपरागत बाजार सिकुड़े
ई-कॉमर्स कंपनियों के बढ़ते कदम से परंपरागत बाजार सिकुड़े

जागरण संवाददाता, प्रयागराज : ई-कॉमर्स कंपनियों ने बड़े शहरों में अपने पैर पसारने के बाद धीरे-धीरे छोटे शहरों के ग्राहकों तक पहुंचने का लक्ष्य बनाया है। इन कंपनियों के उत्पाद सस्ते और घर तक पहुंचाने की सुविधा से ग्राहक परंपरागत बाजार से दूर होते जा रहे हैं। उन्हें घर बैठे कम कीमत में सामान मिलता है और खराब होने पर बदल भी जाता है। इनके बढ़ते कदम से परंपरागत बाजार सिकुड़ते जा रहे हैं।

ई-कॉमर्स कंपनियों को कोरोना ने कारोबार के विस्तार करने का सुनहरा अवसर दे दिया। लॉकडाउन में जब लोग घरों में कैद थे तो खानपान समेत अन्य चीजों की उन तक उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए शासन-प्रशासन ने भी ऑनलाइन माध्यम को बढ़ावा दिया। अब त्योहारी सीजन शुरू होने वाला है तो ई-कॉमर्स कंपनियां तरह-तरह के ऑफर भी देने लगी हैं। इसकी वजह से रिटेल कारोबार सहमा हुआ है। ऑनलाइन कारोबार से प्रतिस्पद्र्धा के लिए बड़े रिटेल कारोबारी होम डिलीवरी को बढ़ावा दे रहे हैं। इसके लिए वह ग्राहकों को मैसेज करके वाट्सएप पर उत्पाद भी उपलब्ध करा रहे हैं। लेकिन, सस्ते सामान देने के मामले में वह ई-कॉमर्स कंपनियों से पिछड़ रहे हैं। यह कंपनियां तमाम उत्पादों को बहुत कम दाम पर ग्राहकों को मुहैया करा रही हैं। जिस दाम पर रिटेल कारोबारियों को मुहैया करा पाना संभव नहीं है।

डिजिटल भुगतान में पांच गुना की वृद्धि : इलेक्ट्रॉनिक्स गुड्स कारोबारी मिथिलेश सिंह ने कहा कि ई-कॉमर्स कंपनियां रेट घटाकर सामान बेचती हैं। दुकानदार उस रेट पर सामान नहीं बेच सकता है। कोरोना की वजह से डिजिटल भुगतान में पांच गुना की वृद्धि हुई है। प्लास्टिक कार्ड से भुगतान न होने पर व्यापार 20 फीसद और नीचे चला जाता।

रिटेल व्यापारियों को नहीं मिलती सुविधा : प्रयाग व्यापार मंडल के अध्यक्ष विजय अरोरा का कहना है कि छोटे व्यापारियों की खरीद क्षमता बहुत ज्यादा नहीं होती है। ई-कॉमर्स कंपनियों की खरीद क्षमता बहुत होती है। उनकी तरह छोटे व्यापारियों को लोन की सुविधा भी नहीं मिलती है जिससे रिटेल व्यापारी पीछे रह जाता है लेकिन इसकी लड़ाई लड़ी जा रही है।

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