शुद्ध लेखन और व्याकरण दिलाएंगे अच्छे अंक
संस्कृत भाषाओं की जननी है। इसमें सरलता के साथ अच्छे अंक मिलते हैं। यूपी बोर्ड परीक्षा में संस्कृत विषय में 50 फीसद प्रश्न व्याकरण से पूछे जाते हैं। लिखावट यदि शुद्ध और स्वच्छ हो तो अंक अधिक मिलेंगे। अध्ययन के लिए जरूरी है कि समय सारिणी बनाएं और दिनचर्या को व्यवस्थित करें।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज : संस्कृत भाषाओं की जननी है। इसमें सरलता के साथ अच्छे अंक मिलते हैं। यूपी बोर्ड परीक्षा में संस्कृत विषय में 50 फीसद प्रश्न व्याकरण से पूछे जाते हैं। लिखावट यदि शुद्ध और स्वच्छ हो तो अंक अधिक मिलेंगे। अध्ययन के लिए जरूरी है कि समय सारिणी बनाएं और दिनचर्या को व्यवस्थित करें।
जीआइसी के शिक्षक डा. शालिग्राम के अनुसार यह विषय भी गणित की तरह पूर्णाक दिलाने वाला है। लेखन में शुद्धता हो तो नंबर प्राप्त करना और सरल हो जाता है। कुछ छात्र संस्कृति को अनुपयोगी मानकर छोड़ देते हैं। उदासीनता का यह भाव ठीक नहीं है। सभी विषय समान हैं और अवसर भी मिलते रहते हैं। संस्कृत को लेकर भी वैश्विक स्तर पर संभावनाएं बढ़ रही हैं। परीक्षा के पूर्व तैयारी
- प्रतिदिन की समयसारिणी में संस्कृत विषय पढ़ने के लिए भी समय तय करें।
- छात्र मित्रों के साथ समूह चर्चा के माध्यम से पढ़ें।
- बार बार लिखकर अभ्यास करें।
- पिछले वर्ष के प्रश्नपत्रों को जरूर हल करते रहें। गुरु मंत्र
- परीक्षा केंद्र पर समय से 15 मिनट पहले पहुंच जाएं।
- प्रश्नों के उत्तर क्रमश: देने की कोशिश करें।
- लिखावट सुंदर हो और जल्दबाजी न करें तो परीक्षक पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
- अच्छे अंक के लिए आत्मविश्वास जरूरी है।
- तनाव न लें, सिर्फ एकाग्र चित्त से पढ़ाई करें।
- जितना आए जरूर लिखें। कुछ अंक अवश्य मिलेंगे। प्रश्नपत्र का स्वरूप
- प्रश्न संख्या एक- सात अंक के प्रश्न में दो गद्य खंडों में एक का हिदी में अर्थ लिखना होगा।
- प्रश्न दो - पाठों में से किसी पाठ का सारांश हिदी में लिखना रहेगा। यह चार अंक का होगा।
- प्रश्न तीन -पाठ्यपुस्तक के दो श्लोकों में एक की हिदी में संदर्भ सहित व्याख्या करनी होगी। यह प्रश्न सात अंक का रहेगा।
- प्रश्न चार - पाठ्य पुस्तक की सूक्तियों में से किसी एक सूक्ति की संदर्भ सहित व्याख्या करना होगा। इसमें तीन अंक दिए जाएंगे।
-प्रश्न पांच- पाठ्य पुस्तक के श्लोकों में से किसी एक श्लोक का संस्कृत में अर्थ लिखना रहेगा। यह प्रश्न पांच अंक का होगा।
- प्रश्न छह- किसी एक पात्र का चरित्र चित्रण लिखना होगा। यह चार अंक का रहेगा।
- प्रश्न सात- संस्कृत कथानाटक कौमुदी भाग से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर संस्कृत में देना होगा। दो दो अंक के यह प्रश्न होंगे।
- प्रश्न आठ- वर्णोच्चारण स्थान एवं प्रत्याहार से संबंधित प्रश्न दो अंक का रहेगा।
- प्रश्न नौ- संधिविच्छेद तथा संधि पहचानने संबंधी रहेगा। प्रत्येक के लिए एक अंक मिलेगा।
- प्रश्न 10- शब्दरूप संबंधी उत्तर देने के लिए दो अंक मिलेंगे।
- प्रश्न 11- धातुरूप संबंधी प्रश्न भी दो अंक का होगा।
- प्रश्न 12 - समास संबंधी प्रश्न का उत्तर देने के लिए भी दो अंक मिलेगा।
- प्रश्न 13- विभक्ति ज्ञान या कारक परिचय बताने पर एक अंक मिलेंगे।
- प्रश्न 14- धातु, प्रत्यय अलग करने के लिए दो अंक दिए जाएंगे।
- प्रश्न 15- किसी एक वाक्य का वाच्य परिवर्तन करना होगा। यह प्रश्न भी दो अंक का रहेगा।
- प्रश्न 16- किन्हीं चार वाक्यों का संस्कृत में अनुवाद करने संबंधी प्रश्न छह अंक का रहेगा।
- प्रश्न 17- किसी एक विषय पर निबंध लिखना होगा। इसके लिए आठ अंक दिए जाएंगे।
- प्रश्न 18 - किन्हीं चार वाक्यों का संस्कृत में वाक्य प्रयोग करने संबंधी प्रश्न के लिए चार अंक दिए जाएंगे।
पाठ्यक्रम से हटाए गए पाठ
- संस्कृत गद्य भारती से तीन पाठ हटाए गए हैं। इनमें उद्भिज्ज परिषद, कार्य व साथयेंय देहं वा पातयेयम्, जीवनं निहित बने
- संस्कृत पद्य पीयूषम् से तीन पाठ हटाए गए हैं। वृक्षाणं चेतनत्वम्, क्षांति सौख्यम्, जीव्याद् भारत वर्षम्
- कथा नाठक कौमुदी से धैर्यधना: हि साधव:, भोजस्य शल्यचिकित्सा और ज्ञानं पूततरं सदा को हटाया गया है।
- व्याकरण से भी कई चीजों को हटाया गय है। इसमें विसर्ग संधि, अतोरोरप्लुतादप्लुते।
- शब्दरूप- पुल्लिंगम् भगवत करिन, स्त्रीलिंग- सरित, नपुंसकलिंग- मधु, नामन, अदस
-धातुरूप- परस्मैपद नश्, आप्, इष्। उभयपद- ज्ञा, चुर
- प्रत्यय- शतृ, शानच्, क्तवतु, क्तिन्, इनू, मतुप, ठक्, त्व, तल्
- निबंध- मात्भूमि:, वसुधैव कुटुंबकम, भारतीय कृषक:, हिमालय:, तीर्थराज प्रयाग:, वनसम्प्त्, परिवार कल्याणम्, राष्ट्रीयपक्षिमयूर:, यौतुकम्, क्रिकेट क्रीडनम्।