Narendra Giri: कौशांबी में भी है श्री मठ बाघम्बरी गद्दी की कई करोड़ रुपये की संपत्ति

चायल तहसील क्षेत्र के जमालमऊ गांव स्थित प्रचीन शिव मंदिर की देखरेख मठ श्री बाघम्बरी की ओर से की जाती है। इसके अलावा जनपद के आठ गांवों में लगभग 32 बीघे भूमि है जिसमें छह बीघे में बागवानी है जिसकी कीमत लगभग चार करोड़ हैं।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 07:40 AM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 07:40 AM (IST)
Narendra Giri: कौशांबी में भी है श्री मठ बाघम्बरी गद्दी की कई करोड़ रुपये की संपत्ति
कौशांबी के शिव मंदिर के अलावा आठ गांवों में है मठ के नाम 40 बीघे भूमि

प्रयागराज, जागरण संवाददाता।  प्रयागराज में अल्लापुर स्थित श्री मठ बाघम्बरी गद्दी के नाम पर कौशांबी में भी करोड़ों रुपये कीमत की संपत्ति है। यहां भी महंत के आकस्मिक निधन के बाद से भक्त गहरे शोक में हैं।

गद्दी की ओर से की जा रही शिव मंदिर की देखरेख

चायल तहसील क्षेत्र के जमालमऊ गांव स्थित प्रचीन शिव मंदिर की देखरेख मठ श्री बाघम्बरी की ओर से की जाती है। इसके अलावा जनपद के आठ गांवों में लगभग 32 बीघे भूमि है, जिसमें छह बीघे में बागवानी है, जिसकी कीमत लगभग चार करोड़ हैं। कृषि उपज व बागवानी से मठ को लाखों की आय होती है। यहां पर महंत नरेंद्र गिरि का आना-जाना भी साल में दो बार होता था। अब उनकी दुखद मौत के बाद श्रद्धालु गम जदा हैं।

गमगीन हैं कौशांबी जनपद के सैकड़ों भक्त

अखिल भारतीय अखाढ़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि से जनपद के दर्जनों गांव के लोगों की आस्था जुड़ी थी। उनकी मौत से सैकड़ों श्रद्धालु गम जदा हैं। जनपद में मठ श्री बाघम्बरी के नाम कौशांबी में करोड़ों रुपये की संपत्ति है। चायल तहसील क्षेत्र के जमालमऊ गांव स्थित प्रचीन शिव मंदिर की देखरेख मठ श्री बाघम्बरी की ओर से की जाती है। इसके अलावा जनपद के आठ गांवों में लगभग 32 बीघे भूमि है। शिवमंदिर के पुजारी सुरेश प्रजापति ने बताया कि जिन जिन गांव में श्री मठ बाघम्बरी के नाम भूमि है, उनमें जमालमऊ, मलाका, कसिया, सेलरहा, कादीपुर, बसोहनी, वंश का पूरा शामिल हैं। मठ के नाम की भूमि पर खेती होती है। लगभग छह बीघे भूमि पर बागवानी होती है। इससे मठ को लाखों रुपये की आय होती है। कहा कि जनपद में अखिल भारतीय अखाढ़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि चायल तहसील क्षेत्र के जमालमऊ गांव स्थित प्रचीन शिव मंदिर में साल में दो बार आते थे। उनके आने की सूचना पर सैकड़ों भक्त मंदिर में पहुंच जाते थे और श्री महंत से प्रसाद के साथ आशीर्वाद लेते थे। भारतीय अखाढ़ा परिषद के अध्यक्ष की मौत के बाद लोग गमजदा हैं।

chat bot
आपका साथी