तब्लीगी जमात में शामिल रहे प्रो. शाहिद का निलंबन वापस

इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) में राजनीति विज्ञान विभाग के प्रोफेसर मोहम्मद शाहिद का निलंबन वापस ले लिया गया है। हालांकि जब तक पूरे प्रकरण से वह निर्दोष नहीं साबित होंगे। तब तक इविवि में उन्हें किसी भी प्रशासनिक पद का जिम्मा नहीं सौंपा जाएगा। कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव की अनुमति मिलने के बाद रजिस्ट्रार प्रोफेसर एनके शुक्ल ने आदेश जारी कर दिया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 20 Feb 2021 07:18 AM (IST) Updated:Sat, 20 Feb 2021 07:18 AM (IST)
तब्लीगी जमात में शामिल रहे प्रो. शाहिद का निलंबन वापस
तब्लीगी जमात में शामिल रहे प्रो. शाहिद का निलंबन वापस

जागरण संवाददाता, प्रयागराज : इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) में राजनीति विज्ञान विभाग के प्रोफेसर मोहम्मद शाहिद का निलंबन वापस ले लिया गया है। हालांकि, जब तक पूरे प्रकरण से वह निर्दोष नहीं साबित होंगे। तब तक इविवि में उन्हें किसी भी प्रशासनिक पद का जिम्मा नहीं सौंपा जाएगा। कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव की अनुमति मिलने के बाद रजिस्ट्रार प्रोफेसर एनके शुक्ल ने आदेश जारी कर दिया।

दरअसल, प्रोफेसर मो. शाहिद पर निजामुद्दीन की मरकज में तब्लीगी जमात से हिस्सा लेकर बिहार के गया जा रहे विदेशी जमातियों को वीजा नियमों का उल्लंघन कर प्रयागराज में रुकवाने और खुद तब्लीगी जमात में शामिल होने की बात छिपाने का आरोप था। प्रोफेसर पर यह भी आरोप था कि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी से उनके करीबी रिश्ते हैं। ऐसे में प्रशासन ने प्रोफेसर का पोसपोर्ट जब्त कर लिया था। उनके खिलाफ पुलिस ने आठ अप्रैल को मुकदमा दर्ज किया था। इस पर रजिस्ट्रार ने शिवकुटी और शाहगंज पुलिस को पत्र लिखकर प्रोफेसर पर दर्ज मुकदमे के बारे में जानकारी मांगी थी। गिरफ्तारी से पहले शिवकुटी पुलिस ने विश्वविद्यालय को बताया था कि प्रोफेसर की कभी भी गिरफ्तारी हो सकती है। फिर 21 अप्रैल को पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर नैनी सेंट्रल जेल भेज दिया था। इसके बाद कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर आरआर तिवारी ने विशेषाधिकार का प्रयोग करते हुए उन्हें गिरफ्तारी की तारीख यानी 21 अप्रैल से निलंबित कर दिया था। अब कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव ने चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर हर्ष कुमार की अध्यक्षता में गठित कमेटी की 20 जनवरी 2021 को हुई बैठक में लिए निर्णयों के रिपोर्ट के आधार पर निलंबन वापस ले लिया। अब निलंबन की अवधि के दौरान रोके गए वेतन और भत्ते का भुगतान कोर्ट से फैसला आने के बाद दिया जाएगा।

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