कोविड महामारी में स्वास्थ्य बीमा को नहीं मान रहे निजी अस्पताल, मोटी रकम लेकर ही करते हैं मरीजों को भर्ती

मेहनत की गाढ़ी कमाई देकर अलग-अलग कंपनियों से स्वास्थ्य बीमा कराने वाले आखिर ठगा महसूस कर रहे हैं। निजी अस्पतालों में कोविड संक्रमित का स्वास्थ्य बीमा क्लेम के अंतर्गत कैशलेस कार्ड मान्य नहीं हो रहा है। नकद भुगतान पर ही भर्ती किया जा रहा है।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 06:00 AM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 06:00 AM (IST)
कोविड महामारी में स्वास्थ्य बीमा को नहीं मान रहे निजी अस्पताल, मोटी रकम लेकर ही करते हैं मरीजों को भर्ती
अस्पताल संचालकों की इस मनमानी और बीमा कंपनियों की बेरुखी से आक्रोश पनप रहा है।

प्रयागराज, जेएनएन। मेहनत की गाढ़ी कमाई देकर अलग-अलग कंपनियों से स्वास्थ्य बीमा कराने वाले आखिर ठगा महसूस कर रहे हैं। निजी अस्पतालों में कोविड संक्रमित का स्वास्थ्य बीमा क्लेम के अंतर्गत कैशलेस कार्ड मान्य नहीं हो रहा है। नकद भुगतान पर ही भर्ती किया जा रहा है। अस्पताल संचालकों की इस मनमानी और बीमा कंपनियों की बेरुखी से आक्रोश पनप रहा है। संकट की इस घड़ी में बीमा कंपनियों के अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं।

निजी अस्पतालों में नकद भुगतान पर हो रहा कोरोना का इलाज

करेली निवासी बाबुल श्रीवास्तव (काल्पनिक नाम) को कोरोना संक्रमण हो गया। उनका पांच लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा है। बीमा कंपनी का दावा था कि लाभार्थी का कैशलेस इलाज होगा। पिछले साल सरकार ने कोरोना संक्रमित होने वाले व्यक्ति को अनिवार्य रूप से बीमा क्लेम मिलने की बात कही थी। लेकिन, जब भर्ती होने गए तो निजी अस्पताल ने बीमा के बारे में बताने पर बात ही नहीं की। नकद भुगतान लेकर भर्ती किया।

जार्जटाउन निवासी विनीत गुप्ता शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती हुए। उनका 35 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा है। लेकिन अस्पताल संचालक ने नकद पैसे लेकर ही इलाज किया। फिलहाल वे स्वस्थ होकर घर आ गए हैं। बताया कि साढ़े 55 हजार रुपये खर्च हुए। बीमा कंपनी से उनकी बात हुई थी। कंपनी के अधिकारियों ने कहा कि अस्पताल को कैश दे दें, बिल बाउचर लगाने पर बीमा क्लेम बाद में मिल जाएगा।

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