कोरोना पीड़ितों से अधिक किराया नहीं ले सकेंगे निजी एंबुलेंस संचालक, प्रतापगढ़ में महज 82 सरकारी एंबुलेंस

जनपद में 108-102 और एएलएस की 82 एंबुलेंस संचालित हैं। इनमें 102 वाली अधिकांश गाडिय़ां प्रसव के लिए अस्पताल आने वाली महिलाओं की सेवा में रहती है। अन्य मरीजों को सही समय पर एंबुलेंस नहीं मिलती। इस कारण से निजी एंबुलेंस चालकों पर लोगों को निर्भर होना पड़ता है।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 11:00 AM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 11:00 AM (IST)
कोरोना पीड़ितों से अधिक किराया नहीं ले सकेंगे निजी एंबुलेंस संचालक, प्रतापगढ़ में महज 82 सरकारी एंबुलेंस
सरकारी एंबुलेंस नहीं मिलने पर निजी संचालकों से करनी पड़ती हैं मिन्नत

प्रतापगढ़, जागरण संवाददाता। कोरोना की पहली व दूसरी लहर के दौरान जिले में एंबुलेंस की कमी से भी लोग बेहद परेशान हुए थे। सरकारी एंबुलेंस की संख्या कम होने से निजी एंबुलेंस चालकों ने मानक के अनुसार सुविधाएं नहीं देने के बावजूद कई गुना किराया वसूला था। अब तीसरी लहर में ऐसा किसी के साथ न हो इसके इंतजाम किए जा रहे हैं।

लहर के दौरान वसूला था पीड़ितों से मनमाना किराया

उस वक्त हालात ऐसे थे कि स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन का भी नियंत्रण नहीं हो पा रहा था। इस कारण तमाम डग्गामार वाहनों को एंबुलेंस की शक्ल देकर पीडि़त लोगों से सौदेबाजी की गई थी। दस किलोमीटर की दूरी के एवज में तीन से पांच हजार रुपये तक वसूले गए थे। मरीज के मरने के बाद लाश ले जाने के लिए भी भारी रकम मांगी गई थी। कई परेशान लोग ई-रिक्शा, टेंपो, बाइक और ठेलिया तक पर अपनों की लाशों को ढोया था। उनको वह दुख भरा दिन शायद ही भूल सकेगा। अब तीसरी लहार के आने की आशंका है। ऐसे में फिर से एंबुलेंस की समस्या हो सकती है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग अभी से ही सतर्क हो गया है।

पूरे प्रदेश में निजी एंबुलेंस का किराया तय

जनपद में 108-102 और एएलएस की 82 एंबुलेंस संचालित होती हैं। इनमें से 102 वाली अधिकांश गाडिय़ां प्रसव के लिए अस्पताल आने वाली महिलाओं की सेवा में रहती है। अन्य मरीजों को सही समय पर एंबुलेंस नहीं मिलती। इस कारण से निजी एंबुलेंस चालकों पर लोगों को निर्भर होना पड़ता है। इसी मजबूरी का फायदा उठाकर वह लोग सांसों का सौदा करते हैं, लेकिन इस बार तैयारी की जा रही है कि ऐसा न होने पाए। स्वास्थ्य विभाग और परिवहन विभाग ने निजी एंबुलेंस चालकों के लिए गाइडलाइन जारी की है। प्रदेश शासन के प्रमुख सचिव परिवहन राजेश कुमार सिंह ने पूरे प्रदेश में निजी एंबुलेंस का किराया तय किया है।

चार तरह की एंबुलेंस, किराया भी तय

1-शासन ने जो किराया तय किया है उसके अनुसार टाइप ए एंबुलेंस साधारण होगी। इसके लिए 10 किलोमीटर पर 500 एवं उसके बाद प्रति किलोमीटर 10 रुपये की दर से किराया लिया जाएगा।

2- टाइप बी में मारुति, टाटा मैजिक व वैन आदि हैं। इनका 10 किलोमीटर के लिए एक हजार रुपये तय किया गया है। उसके बाद जाने पर प्रति किलोमीटर 20 रुपये की दर से देना होगा।

3-टाइप सी एंबुलेंस बेसिक लाइफ सपोर्ट की एंबुलेंस बोलेरो आदि होगी। उस पर 10 किलोमीटर के लिए डेढ़ हजार रुपये व उसके बाद 25 रुपये प्रति किलोमीटर की दर से दिया जाएगा।

4-डी टाइप की एंबुलेंस एडवांस लाइफ सपोर्ट व आधुनिक सुविधा युक्त गाड़ी होगी। इसका किराया 10 किमी का दो हजार व उसके बाद 30 रुपये प्रति किलोमीटर का चार्ज होगा।

किराया सूची यह भी कहा गया है कि किराए में वाहन के साथ ऑक्सीजन, उपकरण, पीपीई किट, मास्क, फेस शील्ड, सैनिटाइजर और स्टाफ का खर्चा भी शामिल है।

- डा. एके श्रीवास्तव, सीएमओ

किलोमीटर के हिसाब से निजी एंबुलेंस का किराया किराया तय है। उससे अधिक चालक लेंगे तो गाड़ी का पंजीकरण व चालक का ड्राइविंग लाइसेंस रद कर दिया जाएगा।

- सुशील कुमार मिश्र, एआरटीओ

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