Naini Jail: अपनों के सुख-दुख में वर्चुअल शामिल हो रहे कैदी, वीडियो काल से होते हैं रूबरू
जेल के उच्चाधिकारियों ने तय किया कि अगर किसी के परिवार में शादी विवाह है या फिर किसी सदस्य का निधन हो गया है तो उस बंदी को मोबाइल के जरिए वाट्सएप पर वीडियो काल कर बात कराई जाए। यह सुविधा शुरू होने पर कैदियों को काफी राहत मिली
प्रयागराज, ताराचंद्र गुप्ता। सेंट्रल जेल नैनी। ऊंची-ऊंची दीवार। सुरक्षा का कड़ा पहरा। अपनों की चिंता की बीच जिंदगी में निराशा का भाव रखने वाले बंदियों को राहत मिली है। अब वह अपने परिवार, रिश्तेदार के सुख-दुख में सलाखों के पीछे रहते हुए वर्चुअल शामिल हो रहे हैं। पहली बार अलग-अलग जुर्म की सजा काट रहे कैदियों को खुशी और गम में शरीक होने के लिए वीडियो काल की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। पिछले दो माह में करीब 150 कैदी इस सुविधा का लाभ उठा चुके हैं। इसके साथ ही जेल में प्रिजंस इनमेटस कालिंग सिस्टम (पिक्स) के जरिए भी बातचीत की व्यवस्था बनाई गई है। अभी तक पेरोल मिलने पर ही वह अपनों से रूबरू हो पाते थे।
वाट्सएप पर कराई जाती है वीडियो काल
नैनी सेंट्रल जेल में यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान समेत कई राज्यों के चार हजार से अधिक महिला व पुरुष कैदी निरुद्ध हैं। कोरोना की दूसरी लहर में जब बंदियों से उनके स्वजनों के मिलने पर रोक लगी तो दूसरे उपाय पर विचार किया गया। फिर पांच मोबाइल नंबर और दो पीसीओ के जरिए उनके घरवालों से बात कराई जाने लगी और ऐसा सप्ताह में दो दिन ही हो सकता था। तब जेल के उच्चाधिकारियों ने तय किया कि अगर किसी के परिवार में शादी विवाह है या फिर किसी सदस्य का निधन हो गया है तो उस बंदी को मोबाइल के जरिए वाट्सएप पर वीडियो काल कर बात कराई जाए। यह सुविधा शुरू होने पर कैदियों को काफी राहत मिली। कैदी के स्वजनों की ओर से रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर भी जेल अधिकारियों की मौजूदगी में बात कराई जाती है।
हरियाणा की तर्ज पर पिक्स की व्यवस्था
हरियाणा के जेलों की तरह यूपी के नैनी, लखनऊ और गाजियाबाद जेल में पिक्स की व्यवस्था की गई। हरियाणा की प्राइवेट कंपनी फिनिक्स इनवैंडर टेक्नोलाजी की ओर से पिक्स साफ्टवेयर डेवलप किया गया था। खास बात यह है कि कैदियों की पूरी बातचीत रिकार्ड होती है और उसकी रिकार्डिंग दो महीने तक रहती है। नैनी जेल में 12 पिक्स लगाए गए हैं, जिसके जरिए रोजाना करीब सात सौ कैदी अपनों को हाल-चाल बताते हैं। इससे प्रत्येक बंदी को सप्ताह में अधिकतम तीन बार बात करने का मौका मिल जाता है। एक मिनट काल के लिए एक रुपये शुल्क लगता है। इसके साथ ही दो पीसीओ भी हैं, जिनसे बातचीत कराई जाती है।
पुलिस वेरीफिकेशन के बाद आतंकियों को बात
नैनी जेल में कई आतंकी और कुख्यात अपराधी भी कैद हैं। इनके स्वजनों की ओर से उपलब्ध कराए गए नंबर का पहले पुलिस के जरिए वेरीफिकेशन कराया जाता है, उसके बात ही बात कराई जाती है। साथ ही उसके मोबाइल सिम व आइईएमआइ की जानकारी भी पुलिस को उपलब्ध कराई जाती है।
जेल अधीक्षक ने बताया
जेल में निरुद्ध किसी बंदी के परिवार में शादी जैसे खुशी के अवसर अथवा किसी का निधन होने पर वीडियो काल के जरिए बात कराई जाती है। पिक्स से भी कैदियों को काफी राहत मिली है।
- पीएन पांडेय, वरिष्ठ जेल अधीक्षक, सेंट्रल जेल नैनी