पेपर लीक प्रकरण में प्रिंटिंग प्रेस मालिक व परीक्षा आयोजक गिरफ्तार

कौशांबी पुलिस ने पेपर लीक मामले में प्रिंटिंग प्रेस मालिक और परीक्षा आयोजक को गिरफ़तार किया है। अन्‍य संदिग्‍धों की भूमिका को भी पुलिस खंगाल रही है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Sat, 13 Oct 2018 08:36 PM (IST) Updated:Sat, 13 Oct 2018 08:36 PM (IST)
पेपर लीक प्रकरण में प्रिंटिंग प्रेस मालिक व परीक्षा आयोजक गिरफ्तार
पेपर लीक प्रकरण में प्रिंटिंग प्रेस मालिक व परीक्षा आयोजक गिरफ्तार

इलाहाबाद : बीटीसी 2015 चतुर्थ सेमेस्टर पेपर लीक प्रकरण में एसटीएफ व कौशांबी जिले की संयुक्त पुलिस टीम ने ङ्क्षप्रङ्क्षटग प्रेस के मालिक व परीक्षा कराने वाली संस्था के मालिक को गिरफ्तार कर लिया है। पकड़े गए आरोपितों ने फिलहाल अपना जुर्म नहीं कबूल किया है। वहीं पुलिस का दावा है कि आरोपित गुमराह कर रहे हैं। बहरहाल जिले में कई संदिग्धों को रडार पर रखकर पुलिस व एसटीएफ उनकी गतिविधियों की जांच कर रही है।

बीटीसी की चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा आठ अक्टूबर हो होनी थी। परीक्षा से एक दिन पहले ही पहला पेपर लीक हो गया। यह लोगों के वाट््सएप पर पहुंच गया। मामले की जानकारी होने पर अधिकारियों ने जांच शुरू की तो एक-एक कर आठों पेपर लीक होने की बात सामने आ गई। इस मामले को लेकर जिला विद्यालय निरीक्षक ने मंझनपुर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराने के साथ ही परीक्षा नियामक को जानकारी दी। पूरे प्रदेश की परीक्षा निरस्त कर दी गई। कौशांबी पुलिस व एसटीएफ ने संयुक्त रूप से मामले के खुलासे में जुट गई। परीक्षा नियामक से जानकारी मिली की दीप्ती इंटर प्राइजेज को परीक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके बाद एसटीएफ ने दीप्ती इंटर प्राइजेज की मालकिन के पति आशीष अग्रवाल पुत्र स्व. एसके अग्रवाल निवासी फ्लैट नंबर 307 महालक्ष्मी अपार्टमेंट बलरामपुर हाउस कर्नलगंज इलाहाबाद को गिरफ्तार कर लिया। उनसे पूछताछ में पता चला की उन्होंने परीक्षा का पेपर भार्गवा ङ्क्षप्रङ्क्षटग प्रेस में छपवाया था। इस पर एसटीएफ ने भार्गव प्रेस के मालिक अरङ्क्षवद भार्गव पुत्र द्वारिकानाथ निवासी 11/4 बाई का बाग कीडगंज इलाहाबाद को धर-दबोचा। एसटीएफ ने दोनों को कौशांबी पुलिस के सुपुर्द कर दिया। दोनों के खिलाफ कौशांबी पुलिस ने कार्रवाई करते हुए जेल भेज दिया।

मामले को लेकर पुलिस अधीक्षक ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस कर पेपर लीक मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि दोनों की गिरफ्तारी के बाद उनके कर्मचारियों का मोबाइल नंबर व पता ले लिया गया है। मोबाइल को सर्विलांस पर लगाकर मामले में अन्य लोगों की भूमिका की जांच हो रही है। दावा किया कि पेपर कौशांबी से लीक नहीं हुआ।

वहीं पकड़े गए आरोपित अरङ्क्षवद अग्रवाल का दावा है कि जो पेपर लीक हुआ है वह कौशांबी से हुआ है। उनके कर्मचारी पेपर लीक करते तो केवल कौशांबी में ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में एक साथ पहुंचता। फिलहाल उनकी इस बात को पुलिस अफसर सिरे से इन्कार कर रहे हैं।

एसटीएफ व कौशांबी पुलिस की थ्योरी में खेल :

एसटीएफ की ओर से जारी प्रेस रिलीज में दोनों की गिरफ्तारी इलाहाबाद से किए जाने की बात कही गई है। एसटीएफ ने कहा है कि गिरफ्तारी के बाद दोनों को कौशांबी पुलिस को सुपुर्द कर दिया गया है। वहीं कौशांबी एसपी ने प्रेस रिलीज में बताया है कि आरोपितों की गिरफ्तारी करारी के रिजवी कालेज तिराहे से शनिवार की दोपहर सवा एक बजे की है। यदि एसटीएफ ने इलाहाबाद से धर-पकड़ की तो कौशांबी की पुलिस ने करारी से किसको पकड़ा। इसे लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।

शिक्षा कर्मियों से भी पूछताछ

कौशांबी पुलिस पेपर लीक मामले को लेकर अब तक शिक्षा विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों से मामले को लेकर पूछताछ कर चुकी है। ओसा कालेज के प्रधानाचार्य चुन्नीलाल का कहना है कि पेपर लीक मामले में जिला विद्यालय निरीक्षक के साथ ही उनसे व उनके कालेज के शिक्षकों व कर्मचारियों से भी पूछताछ की गई है।

एसटीएफ व डीआइओएस के दावों में अंतर :

पेपर लीक प्रकरण के राजफाश में जुटी एसटीएफ ने प्रेस नोट में दावा किया है कि प्रश्नपत्र को छापने व उनको परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी दीप्ती इंटर प्राइजेज की थी। दोनों स्थलों का निरीक्षण किया गया। यहां पर सुरक्षा के इंजताम नहीं है। पेपर को सेंटर तक भेजने की जिम्मेदारी भी दीप्ती इंटर प्राइजेज की थी। पेपर को मानक के अनुसार सील नहीं किया गया था। इसे किसी भी स्थान पर अज्ञात व्यक्ति खोल सकता था। वहीं दूसरी ओर जिला विद्यालय निरीक्षक सत्येंद्र कुमार ङ्क्षसह ने दावा किया है कि पेपर लीक होने की जानकारी मिलने के बाद उन्होंने हर एक पैकेट की जांच की थी। हर प्रश्नपत्र का पैकेट सुरक्षित तरीके से पैक था। पैङ्क्षकग में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है।

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