खाद्य तेलों के दाम में एक बार फिर से उछाल Prayagraj News

इलाहाबाद गल्ला तिलहन व्यापार मंडल के अध्यक्ष सतीश केसरवानी का कहना है कि सरसों की फसल अच्छी न होने से रेट में वृद्धि की बात कही जा रही है। लेकिन कंपनियों के मनमाने दाम बढ़ाने पर सरकार को रोक लगाना चाहिए। सरकार का इस ओर कोई ध्यान ही नहीं है।

By Rajneesh MishraEdited By: Publish:Thu, 08 Apr 2021 02:42 PM (IST) Updated:Thu, 08 Apr 2021 02:42 PM (IST)
खाद्य तेलों के दाम में एक बार फिर से उछाल Prayagraj News
कंपनियों पर सरकारी नियंत्रण न होने से खाद्य तेलों की कीमतों में वृद्धि हो रही है।

 प्रयागराज,जेएनएन। होली त्योहार बीतने के बाद से खाद्य तेलों की कीमतों में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। बुधवार को खाद्य तेलों की कीमतों में फिर 10 रुपये टिन की बढ़ोत्तरी हुई। इससे फुटकर कीमतों में भी और इजाफा होगा। कंपनियों पर सरकारी नियंत्रण न होने से खाद्य तेलों की कीमतों में वृद्धि होती जा रही है और आम जनता महंगाई की मार से त्रस्त होती जा रही है।

जाने खादय तेल की कीमतों में कितने रुपये की हुई बढ़ोत्‍तरी

सोमवार को सरसों के तेल, सोयाबीन फाच्र्यून यानी रिफाइंड और पामोलीन की कीमतों में 15 रुपये टिन की वृद्धि हुई थी। मंगलवार को दामों में 15 से लेकर 25 रुपये की और बढ़ोत्तरी हुई। बुधवार को फिर 10-10 रुपये का इजाफा हुआ। सोमवार को सरसों के तेल का थोक रेट 2215 रुपये 15 किलो टिन, सोयाबीन फाच्र्यून यानी रिफाइंड का दाम 2115 रुपये 15 लीटर टिन और पॉमोलीन का मूल्य 2015 रुपये 15 किलो टिन था। मंगलवार को बढ़कर क्रमश: 2240, 2140 और 2030 रुपये हो गया था। जो बुधवार को 2250, 2150 और 2040 रुपये हो गया।

फुटकर में सरसों के तेल का दाम 145 से 150 रुपये किलो, रिफाइंड 135 से 140 लीटर और पामोलीन 125-130 रुपये किलो था। इसमें बढ़ोत्तरी के आसार हैं। इलाहाबाद गल्ला तिलहन व्यापार मंडल के अध्यक्ष सतीश केसरवानी का कहना है कि सरसों की फसल अच्छी न होने से रेट में वृद्धि की बात कही जा रही है। लेकिन, कंपनियों के मनमाने दाम बढ़ाने पर सरकार को रोक लगाना चाहिए। सरकार का इस ओर कोई ध्यान ही नहीं है।

chat bot
आपका साथी