प्रयागराज की प्रीती प्रतापगढ़ में माता-पिता की सौम्या बनी Prayagraj News
दरअसल मां का नाम प्रीती है इसलिए नया नामकरण किया गया। सर्दी जुकाम से पीडि़त मासूम सौम्या का इलाज कराया जा रहा है। ननिहाल में उसकी पहली रात जागते हुए बीती।
प्रयागराज, जेएनएन। शहर के सरोजनी नायडू चिल्ड्रेन अस्पताल और फिर खुल्दाबाद स्थित बाल गृह में बतौर लावारिस साल भर से ज्यादा वक्त बिताने के बाद अपने माता-पिता की गोद का सुख पाने वाली प्रीती को नया नाम मिला है। अब उसका नाम सौम्या है। दरअसल मां का नाम प्रीती है, इसलिए नया नामकरण किया गया। सर्दी जुकाम से पीडि़त मासूम सौम्या का इलाज कराया जा रहा है। ननिहाल में उसकी पहली रात जागते हुए बीती।
जन्म के दो महीने एनआइसीयू और फिर बाल गृह में रही बच्ची
जन्म के बाद पहले दो महीने तक अस्पताल के एनआइसीयू और फिर खुल्दाबाद स्थित बाल गृह में अनाथों की तरह पली मासूम का नया संसार राहत वाला है। विनोद ने दैनिक जागरण को दूरभाष पर बताया कि घर में पहली रात वह सो नहीं सकी। कभी मां को देखती तो कभी उनको। मां ने दूध पिलाने का प्रयास लेकिन वह नहीं पी सकी, क्योंकि सर्दी जुकाम से पीडि़त है। सुबह उसे डॉक्टर को दिखाया गया।
यह था पूरा मामला
प्रतापगढ़ जिले में कुंडा तहसील अंतर्गत साहिबापुर पहाड़पुर गांव निवासी विनोद गुप्ता की पत्नी प्रीती को पिछले साल 16 नवंबर को कुंडा सीएचसी पर प्रसव हुआ था। वहां डॉक्टर ने जुड़वा संतान होने की जानकारी दी। दोनों की हालत गंभीर थी, इसलिए उन्हें सरोजनी नायडू चिल्ड्रेन हॉस्पिटल प्रयागराज रिफर कर दिया गया। रात में एक संतान की मौत हो गई जबकि दूसरे को एनआइसीयू वार्ड में भर्ती करा दिया गया। विनोद गुप्ता का आरोप था कि उसे दो बेटे हुए थे लेकिन अस्पताल में बेटे को बदल कर बेटी दे दी गई है। इसलिए वह इसे नहीं ले गए। मामला जब पुलिस तक पहुंचा तो डीएनए टेस्ट कराया गया। इसमें यह बात सामने आई कि बेटी प्रीती व विनोद की ही है।