Prayagraj Weather Updates: अगले तीन दिन तक मौसम में रहेगा उतार-चढ़ाव, हल्की बारिश की के आसार
Prayagraj Weather Updates इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञानी डा. शैलेंद्र राय का कहना है कि अगले तीन दिन भी ऐसा ही मौसम रहेगा। तेज धूप निकलेगी लेकिन बारिश होने की पूरी संभावना रहेगी। बंगाल की खाड़ी में कम वायु दाब होने के कारण ऐसा होगा।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। ओडिशा में कम वायु दाब होने के कारण उत्तर भारत समेत प्रयागराज में भी तीन दिन अच्छी बारिश हुई। सितंबर माह में बारिश का नया कीर्तिमान भी बन रहा है। अब बारिश थोड़ा हल्की हो गई है। हालांकि अगले तीन दिन तक हल्की बारिश होने की पूरी संभावना है। मौसम खुलने से फसलों को काफी फायदा होगा। क्योंकि लगातार बारिश होने पर खेतों में पानी लग गया है।
आज सुबह से नहीं हो रही बारिश
प्रयागराज में तीन दिन तक बारिश होने के बाद शनिवार की सुबह आसमान पर बादल तो थे लेकिन घने नहीं थे। इस वजह से बारिश बंद हो गई है। धूप भी निकली। वहीं शुक्रवार सुबह तेज हवाओं ने काले बादलों को धकेल दिया था। दोपहर तक तेज धूप थी। इससे उमस भी बढ़ी। शाम को फिर घने बादल छा गए ओर झमाझम बारिश हुई। फिर रुक-रुक कर बारिश होती रही।
प्रयागराज का तापमान
मौसम विभाग के अनुसार अगले तीन दिन तक मौसम में उतार-चढ़ाव होता रहेगी। हल्की बारिश होने की पूरी संभावना है। शनिवार को अधिकतम तापमान 32.1 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 25.4 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। गुरुवार को अधिकतम तापमान 27.4 डिग्री सेल्सियस था, जो शुक्रवार को बढ़कर 31.7 डिग्री पर पहुंच गया था। इसी प्रकार गुरुवार को न्यूनतम तापमान 25.2 डिग्री था, जो बढ़कर शुक्रवार को 26.9 डिग्री पर पहुंच गया। यानी पिछले दो दिनों की तुलना में अधिकतम और न्यूनतम तापमान में वृद्धि हुई है। मौसम विभाग के अनुसार शुक्रवार को सुबह साढ़े आठ बजे से लेकर शाम साढ़े आठ बजे तक कुल 19 मिलीमीटर बारिश हुई।
मौसम विज्ञानी का मौसम पूर्वानुमान
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञानी डा. शैलेंद्र राय का कहना है कि अगले तीन दिन भी ऐसा ही मौसम रहेगा। तेज धूप निकलेगी लेकिन बारिश होने की पूरी संभावना रहेगी। बंगाल की खाड़ी में कम वायु दाब होने के कारण ऐसा होगा।
तेज हवा से खेतों में गिरी धान की फसल
पिछले दिनों की लगातार बारिश से जहां खेतों में पानी लग गया है, वहीं तेज हवा चलने से धान की बाली भी गिर भी गई है। जानकारों की मानें तो ऐसा इसलिए भी हुआ है, क्योंकि धान की फसल में ज्यादा यूरिया डालने से उसका तना पतला हो जाता है। तेज हवा चलने पर धान गिर जाता है। खेत में अगर पानी लगा रहेेगा तो धान के उसके गिरने पर पैदावार पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। इसलिए किसानों को सलाह दी जा रही है कि वह अपने खेतों से पानी निकासी की व्यवस्था जरूर कर लें।