Prayagraj Weather Forecast: राहत भरी खबर, जल्द होगी झमाझम बारिश और मिलेगी उमस से राहत
Prayagraj Weather Forecast बुधवार को अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस रहा। यानी अधिकतम और न्यूनतम तापमान में ज्यादा अंतर नहीं है। मंगलवार को सोमवार की तुलना में अधिकतम तापमान में 0.5 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम में एक डिग्री सेल्सियस की कमी दर्ज हुई थी।
प्रयागराज, जेएनएन। इन दिनों उमस भरी गर्मी ने लोगों को परेशान कर रखा है। आलम यह है कि न घर में चैन है और न ही बाहर। हालांकि राहत की बात यह है कि लोगों को अब जल्द उमस से राहत मिलेगी। मध्यवर्ती यूपी से बादल भटक जरूर गए हैं लेकिन, वायुमंडल में काफी आद्र्रता बनी हुई है। इससे झमाझम बारिश की संभावनाएं बनी है। जल्द ही भटके बादल वापस लौटेंगे और झमाझम बारिश करेंगे। मौसम विभाग की ऐसी ही भविष्यवाणी है।
बारिश न होने से धान की रोपाई प्रभावित
करीब पखवाड़ा भर से झमाझम बारिश नहीं हुई है। आसमान में बादल उमड़ते-घुमड़ते बादल भी आए। बादल कभी बूंदाबांदी और कभी कुछ देर हल्की बरिश करके निकल गए। इससे किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंचने लगी हैं, क्योंकि जल्द बारिश न होने से धान की रोपाई प्रभावित होगी। बारिश न होने से दिन में तेज धूप के कारण उमस भी जबर्दस्त बनी है। इससे लोगों में बेचैनी है।
बादलों और सूर्य में लुकाछिपी का खेल, उमस से बेचैनी
बुधवार को अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। यानी अधिकतम और न्यूनतम तापमान में ज्यादा अंतर नहीं है। वहीं मंगलवार को सोमवार की तुलना में अधिकतम तापमान में 0.5 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान में एक डिग्री सेल्सियस की कमी दर्ज हुई थी। सोमवार को अधिकतम तापमान 36.2 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 28.6 डिग्री सेल्सियस था। मंगलवार को क्रमश: 36.2 और 27.6 डिग्री सेल्सियस था।
मौसम विज्ञानी इस सप्ताह मानसूनी बारिश की आशा
मौसम विज्ञानी प्रोफेसर एचएन मिश्रा का कहना है कि मानसून मध्यवर्ती यूपी से खिसककर पश्चिमी यूपी, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान तक पहुंच गया है। हालांकि, वायुमंडल में आर्द्रता काफी बनी है। इससे ऐसा समझा जाता है कि मानसून इसी सप्ताह तक वापस लौट आएगा और फिर झमाझम बारिश होगी। उनका कहना है कि इस बार बारिश पहले शुरू हो जाने से लोगों को आश्चर्य हुआ था। फिर उमस भरी गर्मी का साम्राज्य कायम हो गया। हालांकि अब चिंता की बात नहीं है। किसान भी परेशान न हों, बारिश की वजह से रोपाई बाधित नहीं होने पाएगी।