उच्च शिक्षा में प्रयागराज प्रदेश में पहले पायदान पर, संगमनगरी में सर्वाधिक 363 संस्थान दे रहे हैं उच्च शिक्षा

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की तरफ से कराए गए अखिल भारतीय उच्च शिक्षा सर्वेक्षण 2019-20 की रिपोर्ट के मुताबिक जीईआर का राष्ट्रीय औसत 27.1 फीसद है और उत्तर प्रदेश का जीईआर 25.3 फीसद। इसमें प्रयागराज को पहला स्थान हासिल हुआ है।

By Rajneesh MishraEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 07:30 AM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 07:30 AM (IST)
उच्च शिक्षा में प्रयागराज प्रदेश में पहले पायदान पर, संगमनगरी में सर्वाधिक 363 संस्थान दे रहे हैं उच्च शिक्षा
प्रयागराज में इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय और उससे संबद्ध 11 महाविद्यालय उच्च शिक्षा प्रदान कर रहे हैं।

प्रयागराज, [गुरुदीप त्रिपाठी]। उच्च शिक्षा के लिए नामांकन में प्रयागराज ने 363 उच्च शिक्षण संस्थानों की बदौलत प्रदेश में पहले पायदान पर जगह बनाई है। उच्च शिक्षा में नामांकन को लेकर यह जानकारी अखिल भारतीय उच्च शिक्षा सर्वेक्षण 2019-20 की रिपोर्ट से सामने आई है। यह तथ्य सभी राज्यों में उच्च शिक्षा के योग्य 18 से 23 वर्ष की उम्र की आबादी और उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों की संख्या के आधार पर तैयार सकल नामांकन अनुपात (जीईआर)का है।

अखिल भारतीय उच्च शिक्षा सर्वेक्षण 2019-20 की रिपोर्ट

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की तरफ से कराए गए अखिल भारतीय उच्च शिक्षा सर्वेक्षण 2019-20 की रिपोर्ट के मुताबिक जीईआर का राष्ट्रीय औसत 27.1 फीसद है और उत्तर प्रदेश का जीईआर 25.3 फीसद। इसमें प्रयागराज को पहला स्थान हासिल हुआ है।

संगमनगरी में सर्वाधिक 363 संस्थान दे रहे हैं उच्च शिक्षा

ऐसा इसलिए है क्योंकि उच्च शिक्षा प्रदान करने वाले संस्थानों की संख्या प्रयागराज में सर्वाधिक 363 है। यहां कुल पांच विश्वविद्यालयों के अलावा तकनीकी संस्थान भी हैं। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय और उससे संबद्ध 11 महाविद्यालय उच्च शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। इसी तरह प्रोफेसर राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विवि और उससे संबद्ध 329 महाविद्यालय केवल जिले भर में हैं। इसके अलावा उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विवि भी दूरस्थ शिक्षा पद्धति से ज्ञान की गंगा बहा रही है। दो मानित विश्वविद्यालय संचालित हो रहे हैं, जिनमें नेहरू ग्राम भारती मानित विवि और उसकी चार शाखाएं तथा सैम हिग्ग्निबाटम यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर टेक्नोलाजी एंड साइंसेज है। इसके अलावा भारतीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (ट्रिपलआइटी), मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआइटी), इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियङ्क्षरग एंड रूरल टेक्नोलाजी (आइईआरटी) जैसे नामी तकनीकी संस्थान हैं। साथ ही जिले में चार मेडिकल कॉलेज तथा आइटीआइ और पालीटेक्निक कालेज भी हैं। यह संख्या राजकीय, अनुदानित और स्ववित्तपोषित को मिलाकर है। जल्द ही यह संख्या बढ़ जाएगी, क्योंकि राज्य विवि से संबद्धता की प्रक्रिया चल रही है। सरकार लगातार उच्च शिक्षा का जीईआर बढ़ाने में जुटी है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत वर्ष 2035 तक उच्च शिक्षा का राष्ट्रीय औसत जीईआर 50 फीसद करने का लक्ष्य रखा गया है। इविवि में ङ्क्षहदी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डा. संतोष कुमार सिंह कहते हैं कि इसमें ब्रिज कोर्स की शुरुआत करने के साथ रोजगारपरक कोर्स को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। इसके अलावा डिग्री कोर्स में प्रवेश से पूर्व छात्रों की काउंसिलिंग कर सफलता के पैमाने को फलक पर ले जाया जा सकता है।

सर्वाधिक कालेजों वाले टाप-10 जिले

बेंगलुरू 1009

जयपुर 606

हैदराबाद 482

पुणे 467

प्रयागराज 363

रंगारेड्डी 352

भोपाल 326

नागपुर 325

गुंटूर 301

गाजीपुर 300

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