प्रयागराज की Ramlila वर्चुअल दुनिया में छाएगी, घर बैठे लोग देख सकेंगे वर्चुअल प्रसारण
प्रयागराज की प्रमुख श्रीदारागंज रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों ने बैठक कर रामलीला का भव्य आयोजन करने पर चर्चा की। कोरोना के मद्देनजर रामलीला स्थल पर भीड़ न एकत्र करके उसका वर्चुअल प्रसारण कराने पर जोर दिया गया जिससे लोग घर बैठकर श्रीराम की अद्भुत लीला को देख सकें।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। प्रयागराज की रामलीला का विशेष महत्व है। शारदीय नवरात्र में ऐतिहासिक रामलीला का मंचन यहां होता है। एक, दो नहीं करीब दर्जन भर स्थलों पर प्राचीन समय से रामलीला होती है। प्रसिद्ध रामलीला का मंचन देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। हालांकि पिछले दो वर्षों से कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से रामलीला के मंचन पर संकट के बादल छा गए। हालांकि आगे भक्तों को रामलीला से वंचित न रहना पड़े, इसकी भी तैयारी हो रही है। इस खबर के माध्यम से जानें कि कैसे घर बैठे रामलीला का मंचन हम और आप भी अवलोकन कर सकते हैं।
कोरोना पूरी तरह खत्म होने पर संशय
यूं तो कोरोना का प्रकोप लगातार कम हो रहा है, लेकिन उसके पूरी तरह खत्म होने पर अभी संशय है। यही कारण है कि हर धार्मिक आयोजन पाबंदियों के साथ आयोजित किए जा रहे हैं। प्रदेश सरकार ने सावन में कांवर यात्रा पर पाबंदी लगाई है। शिवालयों में भीड़ कम एकत्र करने का निर्देश दिया गया है। मोहर्रम पर जुलूस निकालने पर भी रोक लगा दी गई है। इसके मद्देनजर शारदीय नवरात्र में होने वाली रामलीला का आयोजन कम लोगों में करने का निर्णय लिया गया है।
श्रीदारागंज रामलीला कमेटी करेगी वर्चुअल प्रसारण
प्रयागराज की प्रमुख श्रीदारागंज रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों ने बैठक कर रामलीला का भव्य आयोजन करने पर चर्चा की। कोरोना के मद्देनजर रामलीला स्थल पर भीड़ न एकत्र करके उसका वर्चुअल प्रसारण कराने पर जोर दिया गया, जिससे लोग घर बैठकर श्रीराम की अद्भुत लीला को देख सकें।
घर बैठे देख सकेंगे मां काली प्राकट्य
कमेटी के अध्यक्ष कुल्लू यादव का कहना है कि दारागंज की रामलीला का मंचन सड़कों पर होता है। विश्व प्रसिद्ध मां काली का प्राकट्य सड़क पर किया जाता है, उसका दर्शन करने के लिए हजारों की भीड़ जुटती है। कोरोना काल में अधिक भीड़ न जुटे उसके लिए काली प्राकट्य का प्रसारण भी इंटरनेट मीडिया के जरिए किया जाएगा।
परंपरा बचाने के लिए हुआ निर्णय
कमेटी के प्रवक्ता तीर्थराज पांडेय बच्चा भैया बताते हैं कहा कि अपनी परंपरा को बचाने के लिए कम लोगों में रामलीला आयोजन करने का निर्णय लिया गया है, जिससे किसी प्रकार का विघ्न न उत्पन्न हो सके। कोविड-19 गाइडलाइन का पालन करते हुए भक्तों को वर्चुअल आयोजन करके प्रभु श्रीराम के आदर्शों का दर्शन कराया जाएगा।