Prayagraj Primary School Reopen: फूल बरसाकर बच्चों का स्वागत, छात्राें में दिखा उत्‍साह, मॉस्‍क लगाने की हिदायत देते रहे शिक्षक

Prayagraj Primary School Reopen प्राथमिक कक्षा के विद्यार्थियों की पहले दिन आरती उतरी गई। टीका लगाकर गेट पर उनका स्वागत हुआ। प्रधानाचार्य बांके बिहारी पांडेय ने बच्चों को साफ सफाई के प्रति सजग रहने के लिए भी प्रेरित किया।

By Rajneesh MishraEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 04:24 PM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 04:24 PM (IST)
Prayagraj Primary School Reopen: फूल बरसाकर बच्चों का स्वागत, छात्राें में दिखा उत्‍साह, मॉस्‍क लगाने की हिदायत देते रहे शिक्षक
कोरोना काल के बाद स्‍कूल पहुंचे पांचवी तक के बच्‍चों का फूल बरसाकर स्‍वागत किया गया।

प्रयागराज,जेएनएन। करीब साल भर बाद कक्षा एक से पांचवीं तक के विद्यार्थियों के लिए स्कूल सोमवार को खुल गए। कहीं फूल बरसाकर उनका स्वागत हुआ तो कहीं माला पहनाकर। कुछ जगहों पर टॉफी और केला देकर भी उत्साह बढ़ाया गया।

पहले दिन छात्र-छात्राओं की संख्या कम रही लेकिन जो विद्यार्थी आए उनमें खासा उत्साह देखने को मिला। सभी बच्चों ने एक दूसरे का हाल जाना। शिक्षकों से भी खूब बातें की। स्कूलों को भी रंग बिरंगे गुब्बारों से सजाया गया। पहला दिन किसी उत्सव की तरह बीता। परिषदीय स्कूलों में मिड डे मील में खीर भी बांटी गई। शिक्षक बच्चों को मास्क लगाकर रहने और दूर दूर बैठने की भी हिदायत देते रहे। कुछ स्कूलों में बच्चों के लिए सैनिटाइजर का भी इंतजाम दिखाई दिया। परिषदीय स्कूलों में खंड शिक्षा अधिकारियों ने पहुंचकर व्यवस्था देखी और शिक्षकों को आवश्यक सुझाव भी दिए। बताया कि 100 दिन का विशेष अभियान चलेगा। अब प्रत्येक विद्यार्थी की समझ बढ़ाने के लिए भी प्रयास शुरू होंगे।

छात्र-छात्राओं की उतारी आरती

रानी रेवती देवी सरस्वती विद्या निकेतन इंटर कॉलेज के प्राथमिक कक्षा के विद्यार्थियों की पहले दिन आरती उतरी गई। टीका लगाकर गेट पर उनका स्वागत हुआ। प्रधानाचार्य बांके बिहारी पांडेय ने बच्चों को साफ सफाई के प्रति सजग रहने के लिए भी प्रेरित किया। प्राइमरी कक्षा की इंचार्ज रिचा गोस्वामी ने प्रत्येक बच्चे से उनका हाल पूछा। इस मौके पर विद्यालय के संगीताचार्य मनोज गुप्ता के निर्देशन में युवा कवि श्लेष गौतम की कविता नई सुबह होने को आई, फिर स्कूल खुले हैं, हंसी खुशी के रंग बिखरे हैं, अक्षर फूल खिले हैं... को बच्चों ने गाया। इसी क्रम में ज्वाला देवी सरस्वती विद्या मंदिर बालिका इंटर कॉलेज मम्फोर्डगंज में प्रधानाचार्य मीना श्रीवास्तव ने बच्चों को तिलक लगाया और उनके स्वागत में रंगोली भी बनाई। ज्वाला देवी गंगापुरी में भी शिक्षकों क साथ गेट पर खड़े होकर प्रधानाचार्य विक्रम बहादुर सिंह परिहार ने बच्चों का फूल बरसाकर स्वागत किया।

परिषदीय स्कूलों में हुई सजावट

सालभर बाद बच्चे परिसर में आए तो परिषदीय स्कूल भी गुलजार हो गए। प्राथमिक विद्यालय पुराना कटरा बालक नगर क्षेत्र में समय सारिणी के अनुसार कक्षा एक और पांच के विद्यार्थी आए। प्रधानाध्यापक अंजली चौधरी ने बताया कि कक्षा एक में सात और पांच में 17 विद्यार्थी उपस्थित रहे। इसी क्रम में प्राथमिक विद्यालय पुराना मम्फोर्डगंज में केला देकर बच्चों का स्वागत हुआ। प्राथमिक विद्यालय बडग़ांव द्वितीय के शिक्षक दिनेश कुमार गुप्त ने बताया कि पचास प्रतिशत विद्यार्थी पहले दिन उपस्थित रहे।

कॉन्वेंट स्कूलों में कम रही उपस्थिति

शहर के कई कान्वेंट स्कूल अब भी नहीं खुले हैं। उनमें अभिभावकों के सहमतिपत्र का इंतजार किया जा रहा है। जो खुले भी, वहां उपस्थित बहुत कम रही। सेंट जोसफ कॉलेज के प्रधानाचार्य फादर थामस कुमार ने बताया कि अभी 15 प्रतिशत अभिभावकों ने ही बच्चों को स्कूल भेजने के लिए सहमतिपत्र दिया है। पहले दिन करीब 10 प्रतिशत विद्यार्थी आए। शिवचरण दास कन्हैयालाल इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य लालचंद पाठक ने बताया कि ङ्क्षहदी मीडियम में 12 और अंग्रेजी माध्यम में 19 विद्यार्थी आए।

शिक्षक बोले--

11 महीने बाद बच्चों से मिलकर बहुत अच्छा लगा। कई ऐसे बच्चे भी थे जिनसे ऑनलाइन नहीं जुड़ पा रहे थे। वे भी आज स्कूल आए। कई बच्चे तो स्कूल ड्रेस पहनकर बहुत खुश दिखाई दिए।

- सीमा श्रीवास्तव, शिक्षक, प्राथमिक विद्यालय पुराना मम्फोर्डगंज

इतने लंबे समय तक बच्चों से कभी दूर नहीं हुए। आज सभी को देखकर बहुत अच्छा लगा। कई विद्यार्थी तो आते ही गले लग गए। बच्चों ने यह भी बताया कि वह लॉकडाउन में क्या करते रहे।

- रीना कुमारी, शिक्षामित्र, प्राथमिक विद्यालय पुराना मम्फोर्डगंज

विद्यार्थी बोले

आज ड्रेस पहनकर अच्छा लग रहा है। पूरे साल घर पर रहे। न मैम से मिले और न दोस्तों से। अब स्कूल में पढऩे के साथ खेलने को भी मिलेगा।

- तनु

घर में मम्मी-पापा पढ़ाते थे। ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर पा रहे थे क्यों कि मोबाइल की दिक्कत थी। अब स्कूल खुल गया है रोज आएंगे।

- छवि कुमारी

स्कूल नहीं आ रहे थे लेकिन ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे थे। कुछ चीजें समझ में भी नहीं आती थीं। मोबाइल से पढऩे में अच्छा नहीं लगता था।

- खुशनुमा

स्कूल आने की हमने कल से ही तैयारी कर ली थी। आज मैम ने सभी बच्चों को केला दिया। यहां हम लोग अब खूब खेल भी सकेंगे।

- गार्गी यादव

पूराने दोस्तों से आज मिलकर अच्छा लग रहा है। सभी लोग अभी नहीं आए हैं। जब सब बच्चे आ जाएंगे तो और मजा आएगा।

- वीर

लॉकडाउन में नियमित पढ़ाई नहीं हो पाई। मैम कभी कभी घर पर आकर होमवर्क दे देती थीं। बाकी पढ़ाई मम्मी कराती थीं।

- पूजा

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