तीमारदार बनकर कालाबाजारी पर ब्रेक लगा रहे प्रयागराज के पुलिस वाले, एक पखवाड़े में 10 लोगों को किया गिरफ्तार
ऐसे लोगों पर शिकंजा कसने के लिए प्रयागराज पुलिस के कुछ जवान भी अलग-अलग तरकीब निकाल रहे हैं। कभी तीमारदार तो कभी जरूरतमंद बनकर कालाबाजारी करने वालों तक पहुंचते हैं और फिर उन्हें कानून के फंदे में जकड़ लेते हैं।
प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना काल में आक्सीजन सिलिंडर, जीवन रक्षक इंजेक्शन और दवाओं की कालाबाजारी हो रही है तो श्मशान घाट पर अंत्येष्टि के लिए सूची से कुछ लोग अधिक पैसा भी वसूल रहे हैं। ऐसे लोगों पर शिकंजा कसने के लिए प्रयागराज पुलिस के कुछ जवान भी अलग-अलग तरकीब निकालते हैं। कभी तीमारदार तो कभी जरूरतमंद बनकर कालाबाजारी करने वालों तक पहुंचते हैं और फिर उन्हें कानून के फंदे में जकड़ लेते हैं। सर्विलांस और एसओजी समेत थाने के कई सिपाहियों के सक्रिय प्रयास से कालाबाजारी करने वालों पर ब्रेक लगाया जा रहा है। पिछले एक पखवाड़े में 10 लोगों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है।
अस्पताल से लेकर श्मशान घाट तक सक्रिय है पुलिस
अधिकारियों का कहना है कि सभी पुलिसकर्मी अस्पताल से लेकर श्मशान घाट तक सक्रिय है। जिसके चलते कई लोगों को पकड़ा गया। एक मेडिकल स्टोर पर तीमारदार बनकर पहुंचे दरोगा राकेश राय ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के बारे में पता लगाया, फिर विनोद कुमार, राहुल शुक्ला और अनुराग यादव को दबोच लिया। कोतवाली में हेड कांस्टेबल विनोद ने चाचा के लिए ऑक्सीजन सिलिंडर मांगा तो कालाबाजारी का भंडाफोड़ करते हुए सुरेंद्र, अनूप व बेलाल की गिरफ्तारी हुई। धूमनगंज पुलिस ने भी एसओजी की मदद से ऑक्सीजन सिलिंडर की कालाबाजारी के आरोप में लईक अहमद, नईम व मोबीन को पकड़ा। थानाध्यक्ष फाफामऊ संतोष शुक्ला ने एसआइ धर्मेंद्र शुक्ला को घाट पर भेजा, जहां वह मृतक के करीबी बनकर अंत्येष्टि के लिए अधिक पैसा मांगने पर श्रीधर मिश्रा को गिरफ्तार किया।