जामताड़ा के गिरोह से कनेक्शन वाले साइबर शातिरों के बैंक खातों की जानकारी जुटा रही प्रयागराज पुलिस
जामताड़ा के गैंग ने प्रदेश के अलग-अलग जनपदों में अपने सदस्य बना रखे हैं। इनके मार्फत ही वे ठगी की घटनाओं को अंजाम देते हैं। जिनको सदस्य बनाया गया है उनको सिर्फ लोगों को झांसा देकर बैंकों में खाता खुलवाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। पिछले दिनों खुल्दाबाद और करेली थाने की पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए तीन साइबर शातिरों के बारे में पुलिस हर जानकारी एकत्र कर रही है। तीनों के झारखंड में जामताड़ा के गिरोह से कनेक्शन की बात सामने आने के बाद पुलिस हर कदम फूंक-फूंक कर रख रही है। पुलिस गिरफ्तार तीनों शातिरों के बैंक खातों के बारे में जानकारी जुटा रही है। संभावना है कि इससे पुलिस के हाथ बड़ी सफलता मिलेगी। जरूरत पड़ी तो पुलिस टीम को जामताड़ा भी भेजा जा सकता है।
प्रदेश के कई शातिर हैं गिरोह में शामिल
जामताड़ा के गैंग ने प्रदेश के अलग-अलग जनपदों में अपने सदस्य बना रखे हैं। इनके मार्फत ही वे ठगी की घटनाओं को अंजाम देते हैं। जिनको सदस्य बनाया गया है, उनको सिर्फ लोगों को झांसा देकर बैंकों में खाता खुलवाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसमें जो मोबाइल नंबर और ईमेल अंकित कराया जाता है, वह जामताड़ा के रहने वाले शातिरों के होते हैं। बैंकों में खाता खुलने के बाद रुपये जमा करने की जानकारी इन शातिराें को बड़ी आसानी से हो जाती है। इसके बाद विभिन्न कंपनियों के बिजनेस पार्टनर रिटेलर, डिस्ट्रीब्यूटर को ऑनलाइन विभिन्न पेमेंट बैंकों के एप जैसे स्पाइसमनी, एपीएस, सीएसपी, जयश्री, गूगल पेटीएम एप का दुरुपयोग कर लोगों को बल्क मैसेज भेजकर उनके खातों से रुपये निकाल लेते हैं।
धर्मेंद्र उर्फ बाबू भाई है मास्टर माइंड
जामताड़ा का रहने वाला धर्मेंद्र उर्फ बाबू भाई ही पूरे गैंग का मास्टर माइंड है। पिछले दिनों करेली में गिरफ्तार साइबर शातिर धीरज पांडेय निवासी भीट बिरौरा का पूरा थाना फतनपुर जनपद प्रतापगढ़ व राहुल पांडेय निवासी दरियाबाद पावर हाउस थाना रानीगंज जनपद प्रतापगढ़ ने भी उसका नाम लिया था। दो दिन पहले खुल्दाबाद पुलिस की गिरफ्त में आए अवनीश सिंह निवासी रामपुर बलभद्र थाना भुडकुंडा जनपद गाजीपुर ने बताया था कि वह धीरज और राहुल के साथ मिलकर काम करता था, लेकिन जामताड़ा का धर्मेंद्र उर्फ बाबू भाई ही पूरा तानाबाना बुनता था। उल्लेखनीय है कि जामताड़ा के तमाम गिरोह पूरे देश में इंटरनेट के जरिए ठगी की घटनाएं कर पुलिस के लिए सिरदर्द बने हुए हैं।