Sports News: अपने सपने पूरे करने के लिए दिल्ली और बेंगलुरु का रुख कर रहे प्रयागराज के खिलाड़ी
अमिताभ बच्चन स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स और मदन मोहन मालवीय स्टेडियम बंद रहने के कारण खिलाड़ी प्रैक्टिस करने से वंचित रहे। हालात सुधरने पर पांच जुलाई को अनुमति मिली तो खेल गतिविधियां शुरू हुईं। लेकिन कोच और संसाधनों की कमी के चलते खिलाडिय़ों का नुकसान हो रहा है।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। खेल जगत में अपनी जगह बनाने और अंतरराष्ट्रीय फलक पर शानदार प्रदर्शन के साथ देश का नाम रोशन करने की ललक रखने वाली प्रतिभाओं की कमी नहीं है। लेकिन, संसाधनों की कमी और प्रशिक्षकों के अभाव से खिलाडिय़ों को सफलता हासिल करने में दिक्कत हो रही है। हालात यह है कि खिलाड़ी अब दिल्ली और बेंगलुरु का रुख कर रहे हैं। खेल जगत में अपना करियर बनाने के लिए खिलाड़ी संसाधनों की कमी के बावजूद हर संभव कोशिश कर रहे हैं। लेकिन, कोरोनाकाल में खिलाडिय़ों की ट्रेनिंग पर बे्रक लग गया।
अंशकालिक मानदेय वाले कोचों की सेवाएं समाप्त की तो बढ़ा संकट
अमिताभ बच्चन स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स और मदन मोहन मालवीय स्टेडियम बंद रहने के कारण खिलाड़ी प्रैक्टिस करने से वंचित रहे। हालात सुधरने पर पांच जुलाई को अनुमति मिली तो खेल गतिविधियां शुरू हुईं। लेकिन, कोच और संसाधनों की कमी के चलते खिलाडिय़ों का नुकसान हो रहा है। क्रिकेट, हाकी, फुटबाल, टेबिल टेनिस, बैडमिंटन, कबड्डी, भारोत्तोलन, ताइक्वांडो, हैंडबाल, मुक्केबाजी, खो-खो, कुश्ती, स्क्वैश और जिमनास्टिक के लिए कोई कोच नहीं है। अंशकालिक मानदेय वाले कोचों की मार्च में सेवाएं समाप्त कर दी गईं। शासन के निर्णय के आधार पर अब आउटसोर्सिंग पर कोच रखे जा रहे हैं। लेकिन, कई कोच ने ज्वाइन नहीं किया। उपकरणों और ग्राउंड की भी कमी है।
बोले खिलाड़ी
संसाधन नहीं होने की वजह से दिल्ली चला गया हूं। वहां जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में ट्रेनिंग कर रहा हूं। कोरोना का असर बढऩे की वजह से घर आया हूं। जल्द वापसी होगी।
- आदित्य राज यादव, फुटबाल खिलाड़ी
प्रयागराज टीम की ओर से खेलता हूं। लेकिन, सुविधाएं नहीं होने से पंजाब में ट्रेनिंग ले रहा हूं। राष्ट्रीय स्तर पर बेहतरीन प्रदर्शन के अलावा राज्य स्तर पर तीन बार स्वर्ण पद भी जीता है।
- महावीर यादव, वेटलिफ्टर।
पांच साल प्रयागराज में खेलने के बाद दिल्ली गया। वहां नेशनल हायर सेंटर आफ एक्सीलेंसी (एनएचसीए), नई दिल्ली में दो साल से प्रशिक्षण ले रहा हूं। एस्ट्रोटर्फ ग्राउंड की सख्त जरूरत है।
- शाबाज खान, हाकी खिलाड़ी।
वेटलिफ्टिंग में करियर बनाने की तैयार कर रहा हूं। लेकिन, प्रयागराज में खास उपकरण नहीं हैं। ऐसे में प्रशिक्षण हासिल करना भारी पड़ रहा है। अगर हालात न सुधरे तो बेंगलुरु जाना मजबूरी होगी।
- शिव कृपा त्रिपाठी, वेटलिफ्टर