प्रयागराज नगर निगम की पार्षद ने कहा- जल संस्थान का एरियर माफ करने को लेकर जनता को किया जा रहा गुमराह
पार्षद का आरोप है कि जल संस्थान के बजट चर्चा में महापौर ने सदन को गुमराह किया। महापौर ने सदन में बताया कि छह साल का जल संस्थान का बकाया एरियर माफ कर दिया गया है। ऐसा कहकर सदन को गुमराह किया जा रहा है।
प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज नगर निगम की वरिष्ठ पार्षद एवं मुख्य सचेतक भाजपा किरन जायसवाल का कहना है कि नगर निगम सदन में लोकतंत्र की हत्या हुई। सदन में मुझे बोलने नहीं दिया गया। मुझे स्पष्टीकरण नोटिस दिए बिना निलंबित कर दिया गया। यह सीधे तौर पर लोकतंत्र की हत्या और जनहित की आवाज दबाने की कोशिश है।
पार्षद ने महापौर पर सदन को गुमराह करने का आरोप लगाया
पार्षद का आरोप है कि जल संस्थान के बजट चर्चा में महापौर ने सदन को गुमराह किया। महापौर ने सदन में बताया कि छह साल का जल संस्थान का बकाया एरियर माफ कर दिया गया है। ऐसा कहकर सदन को गुमराह किया जा रहा है। लोग जब बिल जमा करने जल संस्थान के जोन कार्यालयों जा रहे हैं तो उनसे छह साल का एरियर जोड़कर बिल मांगा जा रहा है।
एरियर से लोग परेशान
छह साल पहले का एरियर लोगों से मांगा जाना पूरी तरह गलत है। भाजपा पार्षद का कहना है कि मेरे द्वारा खुद जलसंस्थान के जोन आफिसों में फोन करके संपर्क किया गया। वहां बताया गया कि ऐसा कोई आदेश नहीं आया है, जिसमें एरियर माफ करने की बात कही गई हो। अब जिन लोगों ने मुझे सदन में माफी मांगने के लिए दबाव बनाया। उन्हें आम जनता से माफी मांगनी चाहिए। सभी ने सामान्य लोगों के साथ छल किया है। आखिर इस महामारी के दौर में आर्थिक बोझ डालना कहां तक उचित है। इस बात को बार बार कहा जा रहा है कि किसी भी सामान्य व्यक्ति पर आर्थिक बोझ न डालें। शासन भी इसके लिए अपनी प्रतिबद्धता जता रहा है।
महापौर बोलीं कि पार्षद का आरोप बेबुनियाद है
महापौर अभिलाषा गुप्ता ने कहा कि एरियर घटाने का अधिकार उन्हें नहीं है। तो वह सदन में इस तरह का बयान क्यों देंगी। पार्षद का आरोप बेबुनियाद है।