Prayagraj Municipal Corporation: नए स्लैब रेट पर नहीं बनी सहमति, पुराने दर पर वसूला जाएगा जलमूल्य

महापौर अभिलाषा गुप्‍ता का कहना है कि नए स्लैब रेट को पूरी तरह से समझ लेने के बाद ही सदन से पास किया जाएगा। इसमें यह भी देखा जाएगा कि न विभाग को नुकसान होने पाए और न ही जनता पर बोझ पड़े।

By Rajneesh MishraEdited By: Publish:Fri, 11 Jun 2021 08:56 PM (IST) Updated:Fri, 11 Jun 2021 08:56 PM (IST)
Prayagraj Municipal Corporation: नए स्लैब रेट पर नहीं बनी सहमति, पुराने दर पर वसूला जाएगा जलमूल्य
नगर निगम सदन की बैठक में बोलती महापौर अभिलाषा गुप्ता नंदी।

 प्रयागराज,जेएनएन। नगर निगम सदन की शुक्रवार को तीसरे दिन की बैठक में जलकल विभाग के वित्तीय वर्ष 2020-21 के पुनरीक्षित और वर्ष 2021-22 के मूल बजट को पास कर दिया गया। लेकिन, नए स्लैब रेट पर सहमति नहीं बन सकी। इससे भवन स्वामियों को पुराने दर पर ही जलमूल्य देना पड़ेगा। पार्षदों द्वारा जलापूर्ति, दूषित पानी की आपूर्ति, सीवर लाइन न बिछने और सीवर चेंबर के खुले होने से होने वाली समस्याओं से सदन को अवगत कराया गया। कुओं और सीवर लाइनों की सफाई का भी मुद्दा उठा। महापौर ने गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के कामों पर सख्त नाराजगी जताते हुए निंदा प्रस्ताव पास किया।

पहले पुनरीक्षित बजट पर हुई चर्चा

महापौर अभिलाषा गुप्ता की अध्यक्षता में शुक्रवार को सुबह 11 बजे बैठक शुरू होने पर पहले पुनरीक्षित बजट पर चर्चा हुई। पार्षद अशोक सिंह ने बीते रविवार को कमेटी द्वारा तय किए गए नए स्लैब रेट को गरीब जनता के विपरीत बताते हुए इस पर आपत्ति की। उनका कहना था कि इस स्लैब रेट से ईडब्ल्यूएस कालोनियों में रहने वालों को बहुत नुकसान होगा। कमेटी के सदस्य मिथलेश सिंह ने नए स्लैब रेट को सही बताया। कार्यकारिणी उपाध्यक्ष अखिलेश सिंह ने इसे ध्वनिमत से पास करने के लिए प्रस्ताव रखा लेकिन, दो तिहाई बहुमत न होने पर पास नहीं हो सका। जब तक सदन और शासन से यह पास नहीं होगा। पुराने स्लैब रेट पर ही जलमूल्य लिया जाएगा।

महापौर ने सीवरेज व्यवस्था पर कहा कि गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई 2012 से शहर में सीवर लाइन बिछा रही है। लेकिन, जहां परेशानी होती है, वहां सीवर लाइन नहीं बिछाई जाती। जो सीवर लाइन बिछाई भी जा रही है, 10 साल तक उसे मेंटिनेंस करना है। मगर, वह नहीं कर रही है। उसके पास सीवर लाइन ठीक कराने के लिए न मशीनें हैं न ही जल्द अधिकारी फोन उठाते हैं। कहा जाता है कि इसके लिए पैसा नहीं है। सीवर लाइन क्षतिग्रस्त होने पर जलकल विभाग को ठीक कराना पड़ता है। कहा कि अमृत योजना का काम भी इसी तरह से है। इसका खामियाजा शहरियों को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने पार्षदों से इकाई के खिलाफ लडऩे के लिए कहा, जिससे शहरियों को सहूलियत मिल सके। इकाई के काम को निंदनीय करार देते हुए निंदा प्रस्ताव पास किया गया। महापौर अभिलाषा गुप्‍ता का कहना है कि नए स्लैब रेट को पूरी तरह से समझ लेने के बाद ही सदन से पास किया जाएगा। इसमें यह भी देखा जाएगा कि न विभाग को नुकसान होने पाए और न ही जनता पर बोझ पड़े।

मुख्य लेखाधिकारी कार्यालय को भंग किया जाए

पार्षद आनंद घिल्डियाल ने नलकूपों की बोङ्क्षरग का काम जलनिगम की संस्था सीएंडडीएस से कराने के बजाय ओपन ठेके का प्रस्ताव रखा। इस पर महापौर ने कहा कि मुख्य लेखाधिकारी कार्यकारिणी और सदन की बैठक में आते नहीं तो उनकी आपत्ति हमें नहीं मानना। उनके खिलाफ ङ्क्षनदा प्रस्ताव पास करके शासन को भेजा जाए और उनके कार्यालय को भंग किया जाए।

कार्यकारिणी समिति के निर्णय पर बनी सहमति

-जलकल के जोन कार्यालयों में वाटर कूलर लगे

-सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए पांच से 10 लाख का प्रविधान

-विभाग जेसीबी खरीदेगा

-निष्प्रयोज्य सामग्री के निस्तारण की कार्रवाई होगी

तय किया गया था यह स्लैब रेट (श्रेणीवार)

0-4000

4001-8000

8001-12000

12001-16000

16001 से ज्यादा

जलापूर्ति और सीवरेज व्यवस्था पर खर्च होंगे 60 करोड़

जलकल विभाग के बजट को लेखाधिकारी सुजित कुमार ने सदन में रखा। एक अरब 84 करोड़ 41 लाख 48 हजार वर्ष की कुल अनुमानित आय और एक अरब 84 करोड़ 70 लाख 79 हजार कुल अनुमानित व्यय का बजट पेश किया गया। इसमें जलापूर्ति, सीवरेज, पंपों की मरम्मत आदि कार्यों के लिए 60.12 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च का प्रविधान किया गया है। 15वें वित्त आयोग के तहत तय र्सिवल लेवल बेंचमार्क में इस वित्तीय वर्ष में शहर में 85 फीसद जलापूॢत पाइप लाइन के माध्यम से करने का लक्ष्य रखा गया है। नगर निगम सीमा का विस्तार होने पर पाइप लाइन बिछाने के लिए 35 करोड़ का प्रविधान किया गया है। 

कुएं की सफाई मसले पर खूब हंगामा

कुएं की सफाई मद में 30 लाख रुपये प्रस्तावित किया गया है। पार्षद रतन दीक्षित ने कुएं की सफाई न होने का मुद्दा रखा तो पार्षद नेम यादव ने कहा कि आपकी सरकार है साफ कराइए। इसी बात पर सत्तापक्ष और विपक्ष के पार्षद आपस में भिड़ गए। जमकर हंगामा हुआ। महापौर की कुर्सी के सामने आकर पार्षदों ने करीब 10 मिनट तक आपस में नोकझोंक और हंगामा करते रहे। किसी तरह हंगामा थमा। नेम ने सभी कुओं की कनेक्टिविटी कराकर जलापूॢत का सुझाव दिया। कहा कि इससे पानी की समस्या खत्म होगी। महापौर ने जीएम से योजना बनाने के लिए कहा।

50 हजार से ज्यादा के बकाएदारों को जारी होगी आरसी

-महापौर ने महाप्रबंधक को निर्देश दीं कि 50 हजार रुपये से ज्यादा के बकाएदारों के खिलाफ जलकर वसूली के लिए आरसी जारी की जाए।

पार्षदों ने क्षेत्र की समस्याओं संग अन्य मुद्दे रखे

पार्षद जिया उबैद ने वक्फ की जमीन पर बने मकानों में पानी के दो कनेक्शन लेने का मुद्दा उठाया। पूछा इसके लिए क्या प्रविधान है। महापौर ने कहा कि यह गलत है। उन्होंने जीएम से कनेक्शन को नियमित कराने अथवा कटवाने के लिए कहा। पार्षद आकाश सोनकर ने कहा कि लकड़ीमंडी और छीतपुर में नलकूप रीबोर न होने से पानी की समस्या है। पार्षद मुकुंद तिवारी ने कालोनियों की सीवर लाइन की सफाई और नालों से अतिक्रमण हटवाने के लिए कहा। पार्षद दीपक कुशवाहा ने धूमनगंज थाने के पास छह इंच की पाइप लाइन क्षतिग्रस्त होने से पानी सीवर लाइन में जाने के कारण आसपास के चार सौ घरों में पानी की समस्या होने की बात कही। हरवारा में मिनी नलकूप लगवाने की मांग की। पार्षद अजय यादव ने अवैध आरओ प्लांटों के खिलाफ कार्रवाई करने और पूरे शहर का मास्टर प्लान बनाने की बात रखी। पार्षद कुसुमलता ने क्षेत्र में गंदे पानी की आपूॢत की शिकायत कीं। पार्षद अमरजीत ङ्क्षसह ने सुलेमसराय में सीवर कनेक्शन न होने से जलभराव हो जाने की बात कही।

गिरने से बचे पार्षद

पार्षद किरन जायसवाल ने खुद के निलंबन पर महापौर से नोटिस दिए जाने को लेकर सवाल कर रही थीं। उसी समय पार्षद अमरजीत ङ्क्षसह भी अपनी बात रखने के लिए उठे। किरन ने उन्हें धक्का दे दीं, जिससे वह गिरने से बचे। हालांकि, बाद में उन्होंने इस पर अफसोस भी जताया।

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