उद्यमियों का सवाल, ​​​​​गृहकर निर्धारण से पहले प्रयागराज नगर निगम बताए कि क्या देगा सुविधाएं

उद्यमियों का कहना है कि नोटिस से मालूम होता है कि गृहकर की गणना आवासीय दर के मुताबिक की जाएगी। औद्योगिक क्षेत्र में भूमि और फैक्ट्री सेड का क्षेत्रफल बड़ा होता है। ज्यादातर फैक्ट्रियों में उत्पादन आठ घंटे होता है। ऐसे में निगम मेंटिनेंस के नाम पर क्या सुविधाएं देगा

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 06:40 AM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 06:40 AM (IST)
उद्यमियों का सवाल, ​​​​​गृहकर निर्धारण से पहले प्रयागराज नगर निगम बताए कि क्या देगा सुविधाएं
नगर निगम का सीमा विस्तार होने से औद्योगिक क्षेत्र के ट्रांफसर की कवायद

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। नगर निगम का सीमा विस्तार होने से औद्योगिक क्षेत्र के ट्रांसफर की कवायद शुरू हो गई है। गृहकर निर्धारण के लिए उद्यमियों को नोटिस जारी हो रही हैं। वहीं, उद्यमियों ने गृहकर निर्धारण के पहले निगम द्वारा औद्योगिक क्षेत्र को मुहैया कराई जाने वाली सुविधाओं की जानकारी चाही है। उद्यमी चाहते हैं कि नगर निगम गृहकर निर्धारण के लिएनोटिस जारी कर रहा है तो इतनी जानकारी तो दे सकता है।

यूपीसीडा से मांगी गई रकम लीज डीड की शर्तों के विपरीत

उद्यमियों का कहना है कि नोटिस से ऐसा मालूम होता है कि गृहकर की गणना आवासीय दर के मुताबिक की जाएगी। औद्योगिक क्षेत्र में भूमि और फैक्ट्री सेड का क्षेत्रफल बड़ा होता है। ज्यादातर फैक्ट्रियों में उत्पादन भी आठ घंटे होता है। ऐसे में निगम मेंटिनेंस के नाम पर क्या सुविधाएं देगा, इसका पहले से निर्धारण जरूरी है। इस मामले में ईस्टर्न यूपी चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) के करार के मुताबिक, निगम द्वारा भी मेंटिनेंस चार्ज लेने की मांग की गई है। संगठन के सचिव अनिल अग्रवाल का कहना है कि यूपीसीडा ने भी मेंटिनेंस चार्ज जमा करने के लिए फिर से नोटिस जारी किया है। मांगी गई रकम लीज डीड की शर्तों के विपरीत है।

उद्यमियों के उत्पीडऩ का भी आरोप

चैंबर द्वारा इस मुद्दे को छह अप्रैल को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री की बैठक में रखा गया था। बैठक में वर्चुअली जुड़े यूपीसीडा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) ने मामले में समाधान का आश्वासन भी दिया था। लेकिन, चैंबर को मामले में कोई जानकारी नहीं दी गई। सचिव ने मेंटिनेंस चार्ज के नाम पर उद्यमियों के उत्पीडऩ का भी आरोप लगाया। यूपीसीडा के क्षेत्रीय प्रबंधक प्रदीप सिद्धार्थी का कहना है कि शासनादेश के मुताबिक साल में एक बार मेंटिनेंस चार्ज लिया जाता है। औद्योगिक क्षेत्र अभी निगम को ट्रांसफर नहीं हुआ है।

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