प्रयागराज में गंगा सफाई में बाधा बनी स्‍क्रीमर मशीन, किराए पर लेने को तीन बार निकाला टेंडर, एजेंसियों ने नहीं ली दिलचस्‍पी

नमामि गंगे योजना के तहत केंद्र सरकार द्वारा नगर निगम को एक स्क्रीमर मशीन मुहैया कराई गई थी। मशीन का संचालन एक एजेंसी द्वारा किया जा रहा था और इसके संचालन पर आने वाला खर्च भी नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा द्वारा उठाया जा रहा था।

By Rajneesh MishraEdited By: Publish:Wed, 02 Jun 2021 07:10 AM (IST) Updated:Wed, 02 Jun 2021 07:10 AM (IST)
प्रयागराज में गंगा सफाई में बाधा बनी स्‍क्रीमर मशीन, किराए पर लेने को तीन बार निकाला टेंडर, एजेंसियों ने नहीं ली दिलचस्‍पी
स्क्रीमर मशीन किराए पर लेने को तीन बार टेंडर निकला गया लेकिन एक भी एजेंसी इसमें शामिल नहीं हुईं।

प्रयागराज,जेएनएन। बारिश के चार महीने छोड़कर अन्य दिनों में गंगा की सफाई के लिए नगर निगम द्वारा स्क्रीमर मशीन किराए पर लेने के लिए तीन बार टेंडर निकला गया लेकिन, तीनों बार एक भी एजेंसी इसमें शामिल नहीं हुईं। इसकी वजह से स्क्रीमर मशीन नहीं आ सकी और गंगा की सफाई का काम भी शुरू नहीं हो सका।

स्क्रीमर मशीन के लिए तीन बार हुआ टेंडर, किसी एजेंसी ने नहीं ली दिलचस्पी

नमामि गंगे योजना के तहत गंगा की स्वच्छता और निर्मलता के लिए केंद्र सरकार द्वारा नगर निगम को एक स्क्रीमर मशीन मुहैया कराई गई थी। इस मशीन का संचालन एक एजेंसी द्वारा किया जा रहा था और इसके संचालन पर आने वाला खर्च भी नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा द्वारा उठाया जा रहा था। इस मशीन से गंगा के ऊपर तैरने वाले कूड़े-कचरे की सफाई होती थी।

गंगा की सफाई के लिए केंद्र सरकार ने मुहैया कराई थी यह मशीन

मशीन किला घाट, सरस्वती घाट, संगम, दारागंज, सलोरी होते हुए दारागंज घाट तक गंगा और यमुना की सफाई करती थी। लेकिन, करीब दो साल यानी महाकुंभ 2019 से पहले सरकार द्वारा इस मशीन को वापस करा लिया गया। सरकार द्वारा निगम प्रशासन को निर्देश दिया गया था कि वह स्क्रीमर मशीन किराए पर लेकर गंगा की सफाई कराना सुनिश्चित कराएंगे। इसके लिए निगम के कर्मशाला विभाग द्वारा तीन बार टेंडर कराया गया लेकिन, एक भी एजेंसी शामिल नहीं हुई।

अब निगम को अपने खर्च पर इसके संचालन की दे दी गई जिम्मेदारी

मशीन के संचालन के लिए इंजीनियर समेत करीब 12-13 स्टाफ की भी जरूरत होती है। लिहाजा, महीने में इस मशीन के संचालन पर करीब डेढ़ लाख रुपये खर्च होने का अनुमान था। एक अफसर का कहना है कि स्क्रीमर मशीन को आठ महीने के लिए किराए पर लेने के लिए टेंडर निकाला गया था। बारिश में चार महीने जलस्तर बढ़ जाने पर सफाई का काम नहीं हो सकता है।

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