Prayagraj Municipal Corporation: डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन पर यूजर चार्ज की वसूली, डिप्‍टी सीएम तक पहुंचा मामला

Prayagraj Municipal Corporation पटरी दुकानदारों की ओर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। ऐसा न करने पर लोगों की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है। नगर निगम को पर्याप्त मात्रा में बजट मिलता है फिर भी जनता से अधिक वसूली की प्रवृत्ति ठीक नहीं है।

By Rajneesh MishraEdited By: Publish:Thu, 13 May 2021 09:09 AM (IST) Updated:Thu, 13 May 2021 09:09 AM (IST)
Prayagraj Municipal Corporation: डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन पर यूजर चार्ज की वसूली, डिप्‍टी सीएम तक पहुंचा मामला
बीजेपी पार्षद किरण जायसवाल ने इस मसले को लेकर उप मुख्‍यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को लिखित ज्ञापन दिया है।

प्रयागराज,जेएनएन। डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन पर यूजर चार्ज की वसूली, जल संस्थान की ओर से छह साल का पुराना एरियर लेना अब राजनीतिक मुद्दा बन रहा है। इसे लेकर सत्ता पक्ष के सभासद भी आवाज उठाने लगे हैं। महापौर अभिलाषा गुप्ता नंदी भी उनके निशाने पर आ रही हैं। वजह यह कि वह कर माफी के मसले पर खुलकर नहीं बोल रही हैं।

भाजपा पार्षद ने उप मुख्‍यमंत्री को दिया ज्ञापन

इन बिंदुओं पर भाजपा की पार्षद किरन जायसवाल ने उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से भी मुलाकात की। प्रयाग प्रवास के दौरान उन्होंने लिखित ज्ञापन दिया। कहा कि कोरोना काल में लोग परेशान हैं। हर किसी के आर्थिक स्रोत समाप्त हो रहे हैं। ऐसे में नगर निगम लोगों पर कूड़ा कलेक्शन का चार्ज थोप रहा है। हालाकि यह वसूली प्राइवेट कंपनी के कर्मचारी कर रहे हैं। यदि इसे तुंरत बंद नहीं किया गया तो लोगों का गुस्सा कभी भी फट सकता है।

पटरी दुकानदारों पर भी ध्‍यान दिया जाना चाहिए

नगर निगम को चाहिए कि अपने संसाधनों और खर्च से कूड़ा कलेक्शन कराए। 2019 के पहले के छह साल का एरियर वसूली भी की जा रही है। जब कि इसे न लेने के लिए पूर्व में आदेश जारी हो चुका है। इसके अतिरिक्त जहां जहां सीवर लाइन बिछाई गई है वहां भी ढक्कन का मेंटीनेंस व अन्य चीजें ठीक से नहीं हो रही हैं। इस पर भी ध्यान देने की जरूरत है। तमाम इलाकों में लो सीवर बिछाया गया है वह शुरू नहीं हो पा रहा है। कुछ जगहों पर लाइन अभी बिछी भी नहीं और कई ऐसे क्षेत्र भी हैं जहां गलत लाइन पड़ गई है। पटरी दुकानदारों की ओर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। ऐसा न करने पर लोगों की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है। नगर निगम को पर्याप्त मात्रा में बजट मिलता है फिर भी जनता से अधिक वसूली की प्रवृत्ति ठीक नहीं है। अत: सभी चीजों को संज्ञान में लेकर दिशा निर्देश जारी करने की जरूरत है।

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