Prayagraj Municipal Corporation: शहर में क्रम से होंगे बेतरतीब मकान नंबर, पता खोजने में नहीं होगी दिक्कत
भवनों के सर्वे के साथ नंबरों को भी सीरियल में करने के निर्देश एजेंसी को दिए गए हैं। मकानों के नंबर सीरियल में होने से किसी भी व्यक्ति को मकान खोजने में असुविधा नहीं होगी। साथ ही पत्राचार पता (पोस्टल एड्रेस) भी व्यवस्थित हो जाएगा।
प्रयागराज, जेएनएन। शहर के मकानों के नंबर अभी बेतरतीब होने से लोगों को ढूंढने में परेशानी होती है। लेकिन, नगर निगम प्रशासन ने मकानों के नंबर सीरियल में करने का निर्णय लिया है। मकानों के नंबर सीरियल होने पर लोगों को सहूलियत होगी।
भवनों की वास्तविक संख्या की जानकारी के लिए हो रहा जीआइएस सर्वे
निगम के टैक्स विभाग के रिकार्ड के मुताबिक शहर में 21718 आवासीय, 13552 कामर्शियल और 6526 सेमी कामर्शियल भवन हैं। मगर, भवनों की वास्तविक संख्या मालूम करने के लिए जीआइएस (जियोग्राफिक इंफार्मेशन सिस्टम) सर्वे कराया जा रहा है। सर्वे का काम करीब एक साल से जियो इंफोसिस एजेंसी द्वारा किया जा रहा है। करीब 50 फीसद सर्वे ही पूरा हो सका है। भवनों के सर्वे के साथ नंबरों को भी सीरियल में करने के निर्देश एजेंसी को दिए गए हैं। मकानों के नंबर सीरियल में होने से किसी भी व्यक्ति को मकान खोजने में असुविधा नहीं होगी।
पत्राचार का पता भी हो जाएगा व्यवस्थित
साथ ही पत्राचार पता (पोस्टल एड्रेस) भी व्यवस्थित हो जाएगा। मुख्य कर निर्धारण अधिकारी पीके मिश्र का कहना है कि मकानों के सर्वे और उसके नंबरों को सीरियल में करने का काम करीब छह महीने में पूरा होने के आसार हैं।
पॉपकार्न मेकिंग मशीन को मांगे आवेदन
उत्तर प्रदेश खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा आधुनिक पॉपकॉर्न मेकिंग मशीन का वितरण किया जाना है। इसके लिए पिछड़ा वर्ग के भुर्जी जाति एवं परंपरागत स्वरोजगार में रुचि रखने वाले इच्छुक अभ्यर्थी जिला ग्रामोद्योग अधिकारी कार्यालय, नया कटरा में 30 जून तक आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के साथ आधार कार्ड, पासपोर्ट साइज की फोटो, जाति और निवास प्रमाण पत्र, ग्रामीण क्षेत्र से संबंधित अभ्यर्थियों को ग्राम प्रधान द्वारा कार्य करने का प्रमाण पत्र लगाना जरूरी है। जिला ग्रामोद्योग अधिकारी राम औतार यादव के मुताबिक लाभाॢथयों का चयन आवेदन पत्रों के सत्यापन के बाद गठित कमेटी द्वारा किया जाएगा।