Prayagraj Magh Mela News: गंगा का जलस्तर बढ़ने से कटान तेज हो गया है, शिफ्ट की गई संस्थाएं
Prayagraj Magh Mela News नरौरा बांध से पानी छोड़े जाने पर मकर संक्रांति से प्रयागराज में गंगा का जलस्तर बढ़ने लगा। वहां से छोड़े गए पानी को यहां पहुंचने में तीन से चार दिन लगते हैं। वहां से छूटा तो मकर संक्रांति के दिन संगम में 14 सेंटीमीटर जलस्तर बढ़ा।
प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज का माघ मेला मकर संक्रांति स्नान पर्व से शुरू हो चुका है। वहीं पिछले चार दिन से गंगा नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। इससे माघ मेला क्षेत्र में कटान हो रहा है। रविवार की आधी रात में गंगा का कटान तेज हुआ तो अफसर मौके पर पहुंचे और वहां से कई संस्थाओं को दूसरी जगह शिफ्ट कराया। वहीं गंगोली शिवाला पांटून पुल को बचाने के लिए बाढ़ खंड की टीम रात भर काम करती रहीं।
नरौरा बांध से छोड़ा गया है पानी
प्रयागराज माघ मेला 2021 के दौरान गंगा स्नान करने वाले श्रद्धालुओं को साफ जल मिले, इसलिए मकर संक्रांति के पहले से गंगा में पानी कुछ ज्यादा छोड़ा जा रहा है। बुलंदशहर स्थित नरौरा बांध से पानी छोड़े जाने पर मकर संक्रांति से प्रयागराज में गंगा का जलस्तर बढ़ने लगा। वहां से छोड़े गए पानी को यहां पहुंचने में तीन से चार दिन लगते हैं। वहां से छूटा तो मकर संक्रांति के दिन संगम में 14 सेंटीमीटर जलस्तर बढ़ा। हालांकि उसके बाद इसकी गति तेज हो गई।
जलस्तर 42 सेंटीमीटर बढ़ गया है
रविवार तक जलस्तर 42 सेंटीमीटर बढ़ गया था। दिन भर पानी स्थिर रहने के बाद रात में कटान तेज कर दिया। गंगा नदी का कटान गंगोली शिवाला पुल के आसपास हो रहा है। कटान ज्यादा होने लगा दो आधी रात को मौके पर सिटी मजिस्ट्रेट रजनीश मिश्रा भी पहुंचे। पुल में कोई दिक्कत न हो, इसलिए लोक निर्माण विभाग और सिंचाई विभाग के बाढ़ खंड की टीम पहले से वहां मौजूद थी। कटान ज्यादा होने के कारण बाढ़ खंड की टीम को अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ रही है।
कटान रोकने को बालू की बाेरियां भी बह गईं
कटान रोकने के लिए वह क्रेट और बालू भरी बोरिया लगा रहे हैं। हालांकि कटान तेज होने कारण तमाम बोरिया भी बह गईं। इसकी जद में कई संस्थाओं की जमीन भी आ गई है। कुछ जमीन कट भी गई है। मौके पर पहुंचे सिटी मजिस्ट्रेट ने संस्थाओं को दूसरी जगह शिफ्ट कराया। रात में ही बिजली के कुछ खंभे भी हटाए गए। गंगोली शिवाला पांटून पुल के दोनों तरफ बालू से भरी बोरियां लगाई जा रही है। इस बाढ़ से माघ मेला क्षेत्र के सेक्टर चार और पांच की जमीन प्रभावित हुई है।