Prayagraj Magh Mela 2022: माघ मेला में श्रद्धालुओं के लिए बनने लगा पीपे का पुल, कटान से बढ़ी मुश्किल

Prayagraj Magh Mela 2022 माघ मेला क्षेत्र में पीपा पुल निर्माण में कई वर्षों पुराने और जंग लगे पीपा भी पुल निर्माण में परेशानी बढ़ा रहे हैं। किसी पीपा में बांधने के लिए चुल्ला नहीं है तो किसी में छेद बना हुआ है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 05 Dec 2021 03:24 PM (IST) Updated:Sun, 05 Dec 2021 03:24 PM (IST)
Prayagraj Magh Mela 2022: माघ मेला में श्रद्धालुओं के लिए बनने लगा पीपे का पुल, कटान से बढ़ी मुश्किल
संगम क्षेत्र में चार दिसंबर तक एक भी पुल न बनने से मेला का काम प्रभावित था।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। प्रयागराज: माघ मेला क्षेत्र में पीपा के पुल निर्माण में तेजी दिखने लगी है। तीन दिन पहले पीडब्ल्यूडी की ओर से दो ही पुलों का निर्माण प्राथमिकता से कराया जा रहा था। पिछले दिनों विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में मंडलायुक्त के सख्त निर्देश के बाद पांचों पुलों का निर्माण शुरू हो गया है। कटान का हवाला देने वाले विभागीय अधिकारी भी पुल निर्माण के दौरान मौजूद रहे। पीपे के पुल निर्माण करने वाले ठेकेदारों ने भी श्रमिकों की संख्या को बढ़ते हुए काम में तेजी दिखानी शुरू कर दी है।

सहायक अभियंता बोले- जल्‍द पूरा कर लिया जाएगा पीपे का पुल

सहायक अभियंता सत्येंद्र नाथ श्रीवास्तव ने बताया कि पांचों पुलों में 50 से 60 पीपा जोड़ा जा चुका है। जल्द ही पुलों का निर्माण पूरा हो जाएगा। मेला क्षेत्र में चार दिसंबर के बाद भी एक भी पुल का निर्माण न होने से मेला के अन्य काम भी प्रभावित हो रहे हैं।

जंग लगे पीपा भी बढ़ा रहे परेशानी

माघ मेला क्षेत्र में पीपा पुल निर्माण में कई वर्षों पुराने और जंग लगे पीपा भी इस बार पुल निर्माण में परेशानी बढ़ा रहे हैं। किसी पीपा में बांधने के लिए चुल्ला नहीं है, तो किसी में छेद बना हुआ है। ऐसे में ठेकेदार भी पीपा को लगाने में सतर्कता दिखा रहे हैं। पीडब्ल्यूडी के एक कर्मचारी ने बताया कि कुंभ के दौरान जो पीपा तैयार किया गया था, वह दूसरे शहरों में भेज दिया गया है। पुराने पीपा से माघ मेला क्षेत्र में पुल बनवाया जा रहा है।

माघ मेला क्षेत्र में बढ़ने लगी चहल-पहल

प्रयागराज माघ मेला यूं तो अगले वर्ष जनवरी में आयोजित होगा। हालांकि इसके लिए विभिन्‍न विभागों की ओर से तैयारियां शुरू हो गई हैं। माघ मेला क्षेत्र में यूं तो वर्ष भर पर्यटकों और संगम स्‍नान के लिए श्रद्धालुओं का आनाजाना लगा रहता है। हालांकि माघ मेला, कुंभ मेला और अर्ध कुंभ मेला के बाद कई माह तक यहां सन्‍नाटा ही पसरा रहता है। अब विभिन्‍न सरकारी विभागों की ओर से काम शुरू है, इससे चहल-पहल बढ़ गई है।

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