Prayagraj Magh Mela 2022: जगद्गुरु अच्युत प्रपन्नाचार्य ने कहा- 150 बीघा में बसाया जाए आचार्य नगर
Prayagraj Magh Mela 2022 अखिल भारतीय श्रीरामानुज वैष्णव समिति आचार्यबाड़ा की अहम बैठक वेदांतदेशिक सेवा संस्थान दारागंज में हुई। संगठन के अध्यक्ष जगद्गुरु अच्युत प्रपन्नाचार्य ने अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि आचार्य नगर में महात्माओं की संख्या देखते हुए कम से कम 150 बीघा जमीन दी जाए।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। एक ओर प्रयागराज में आयोजित होने वाले माघ मेला को लेकर प्रशासन की तैयारियां जोरों पर है। घाटों को समतल किया जा रहा है, वहीं बिजली का प्रबंध किया जा रहा है। चकर्ड प्लेटों को बिछाने के साथ ही पीपे के पुल को बनाने की भी कवायद तेजी से चल रही है। वहीं दूसरी ओर अखिल भारतीय श्रीरामानुज वैष्णव समिति आचार्यबाड़ा के संतों ने माघ मेला प्रशासन से सुविधाओं की मांग भी की है।
श्रीरामानुज वैष्णव समिति आचार्यबाड़ी की बैठक
अखिल भारतीय श्रीरामानुज वैष्णव समिति आचार्यबाड़ा की अहम बैठक वेदांतदेशिक सेवा संस्थान दारागंज में हुई। संगठन के अध्यक्ष जगद्गुरु अच्युत प्रपन्नाचार्य ने अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि आचार्य नगर में महात्माओं की संख्या देखते हुए कम से कम 150 बीघा जमीन दी जाए। महामंत्री डा. कौशलेंद्र प्रपन्नाचार्य कौशल जी महाराज ने कहा कि मेला में जमीन वितरण के नाम पर काफी मनमानी होती है। ऐसी स्थिति में प्रशासन स्वयं समस्त शिविर अध्यक्षों को जमीन व सुविधा वितरित करे।
हर शिविर में ये सुविधाएं देने की मांग
अच्युत प्रपन्नाचार्य ने कहा कि हर शिविर के अध्यक्ष को कम से कम पांच नल, पांच विद्युत कनेक्शन, पांच शौचालय दिया जाए। बैठक में स्वामी सारंगधराचार्य, स्वामी सालिग्रामाचार्य, कृष्णबिहारी तिवारी, स्वामी नरसिंह नारायणाचार्य, स्वामी रंगनाथाचार्य, स्वामी चक्रपाणि, रामनारायणाचार्य मौजूद रहे। सभी ने एक स्वर में सुविधाएं देने की मांग की है।
फर्जी संस्थाओं को करें बाहर : घनश्यामाचार्य
श्रीरामानुजनगर प्रबंध समिति आचार्यबाड़ा के कोषाध्यक्ष जगद्गुरु घनश्याचार्य ने कहा कि समिति पिछले 60-70 साल से समस्त शिविर अध्यक्ष व सामान्य महात्माओं को जमीन वितरित कर रही है। समिति के जरिए जमीन वितरित होने से प्रेम व एकता कायम है। यही व्यवस्था इस वर्ष भी कायम रहेगी। उन्होंने कहा कि आचार्य नगर में कुछ लोगों ने कई फर्जी संस्थाएं बनाई है। वे समस्त संस्थाओं के नाम पर जमीन व सुविधा लेते हैं। प्रशासन ऐसी फर्जी संस्थाओं को बाहर करे।