Prayagraj Magh Mela 2021: गंगा नदी में बढ़े पानी से माघ मेला में संस्थाओं को हो रही है परेशानी

Prayagraj Magh Mela 2021 शनिवार को दोपहर बाद पानी प्रयागराज आया तो अफरातफरी मच गई। माघ मेला क्षेत्र में सेक्टर पांच और चार की तरफ पानी भर गया। यहां पर कई संस्थाओं को जमीन दी गई थी लेकिन अब पानी भरने से उन्हें कैंप लगाने में दिक्कत हो रही है।

By Brijesh Kumar SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 17 Jan 2021 12:01 PM (IST) Updated:Sun, 17 Jan 2021 12:01 PM (IST)
Prayagraj Magh Mela 2021: गंगा नदी में बढ़े पानी से माघ मेला में संस्थाओं को हो रही है परेशानी
गंगा नदी में पानी बढ़ने की वजह से माघ मेला में संस्‍थाओं के लोगों को परेशानी हो रही है।

जेएनएन, प्रयागराज। प्रयागराज माघ मेला 2021 का प्रथम स्‍नान पर्व मकर संक्रांति संपन्‍न हो चुका है। अब दूसरे स्‍नान पर्व की तैयारी है। इसी बीच श्रद्धालुओं को आराम से स्‍नान हो सके, इसलिए गंगा में पानी छोड़ा गया है। हालांकि गंगा में अचानक बढ़े पानी से संस्थाओं के लिए संकट पैदा हो गया है। पानी बढऩे से सेक्टर चार की तरफ कटान हो गया है। उधर कई संस्थाओं की जमीन में पानी भर गया है। अब पानी कम होने पर ही उन संस्थाओं को बसाया जाएगा। फिलहाल पानी बढऩे से घाट पर फैली गंदगी साफ हो गई है। 

मकर संक्रांति पर नरौरा से छोड़ा गया है गंगा में पानी

मकर संक्राति के स्नान पर्व से पहले गंगा जल साफ नहीं था, तब संतों ने नाराजगी जताई थी। कई दिन तक यह मामला अखबार में सुर्खियां बना रहा। उसके बाद प्रशासन सक्रिय हुआ और नरौरा से पानी छोडऩे का आदेश किया गया लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। मकर संक्रांति स्नान पर्व के दिन नरौरा बांध से पांच हजार क्यूसिक से अधिक पानी छोड़ा गया। उस पानी को प्रयागराज तक पहुंचने में दो दिन लग गए।  ष्‍

गंगा में पानी बढ़ने से संस्‍थाओं को कैंप लगाने में हो रही दिक्‍कत

शनिवार को दोपहर बाद गंगा नदी में पानी प्रयागराज पहुंचा तो अफरातफरी मच गई। माघ मेला क्षेत्र में सेक्टर पांच और चार की तरफ पानी भर गया। यहां पर कई संस्थाओं को जमीन दी गई थी लेकिन अब पानी भरने से उन्हें कैंप लगाने में दिक्कत हो रही है। इसमें प्रयागवाल सभा की जमीन पर भी पानी भर गया है। इसके अलावा बिजली के कई खंभे भी पानी में आ गए है। साथ ही गंगा पर बने ओल्ड जीटी और गंगोली शिवाला पांटून पुल पर भी खतरा मंडरा रहा है। वैसे मेला प्रशासन गंगा में पानी कम होने का इंतजार कर रहा है, पानी कम न हुआ तो उस क्षेत्र से खंभे और संस्थाएं हटाई जाएगी।

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