Prayagraj Magh Mela 2021: पौष पूर्णिमा तक स्नान घाट तैयार करना माघ मेला प्रशासन के लिए चुनौती
Prayagraj Magh Mela 2021 मेला प्रशासन ने कई दिन तक इंतजार किया कि पानी कम होने पर घाट खाली हो जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। घाटों पर भर गया है। महावीर पुल और त्रिवेणी पुल के लिए घाट पर कहीं-कहीं दलदल हो गया है।
जेएनएन, प्रयागराज। प्रयागराज के माघ मेला में पहला स्नान पर्व मकर संक्रांति तो बीत चुका है। अब पौष पूर्णिमा स्नान की बारी है। पौष पूर्णिमा स्नान पर्व 28 जनवरी को है। ऐसे में इस स्नान पर्व से पहले स्नान घाटों को तैयार करना माघ मेला प्रशासन के लिए चुनौती बन गया है। मेला प्रशासन ने घाट बनाने के लिए पोकलैंड लगा दिया है लेकिन समय रहते वहां घाट बनाना आसान नहीं नजर आ रहा है।
पश्चिम वाहिनी गंगा से कटान हो गया था
दरअसल माघ मेला शुरू होने से पहले गंगा पश्चिमी वाहिनी थीं। तब गंगा ने शहर की तरफ कटान किया था। उस कटान से सेक्टर दो में जमीन काफी कट गई थी। ऐसे में अधिकतर संस्थाओं को झूंसी की तरफ बसा दिया गया। मकर संक्रांति से पहले मेला प्रशासन ने झूंसी की तरफ घाट भी बनवा दिया था लेकिन मकर संक्रांति स्नान तक बहुत कम स्नानार्थी आए थे।
इन सेक्टरों में बनाए गए स्नान घाट डूब गए थे
मकर संक्रांति स्नान से पूर्व गंगा जल प्रदूषित था। इसलिए उस दौरान नरौरा बांध से पानी छोड़ा गया। वह पानी ज्यादा हो गया और यहां पर कटान शुरू हो गया। जलस्तर बढऩे के चलते गंगा पूर्वी वाहिनी हुई। ऐसे मेें सेक्टर पांच, चार और तीन में कटान हो गया। कटान के साथ ही इन सेक्टरों में बनाए गए स्नान घाट डूब गए। घाट में लगाई बोरियां बह गई।
कल तक स्नान घाटों को तैयार करने की योजना
मेला प्रशासन ने कई दिन तक इंतजार किया कि पानी कम होने पर घाट खाली हो जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। घाटों पर भर गया है। महावीर पुल और त्रिवेणी पुल के लिए घाट पर कहीं-कहीं दलदल हो गया है। इसके अलावा त्रिवेणी पुल और काली पुल के बीच बने घाट कटान में स्नान लायक नहीं बचे हैं। मेला प्रशासन की टीम रात दिन लगकर बुधवार रात तक इन घाटों को तैयार करने में जुटी है।