मंगोलिया में चमके मोहम्मद राफे का ख्वाब ओलंपिक गोल्ड मेडल, PM Modi से बात करने का मौका मिलने से हैैं रोमांचित

जूनियर एशियन गेम्स में जिम्नास्टिक में कांस्य पदक विजेता संगम नगरी के मोहम्मद राफे का लक्ष्य ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाना है। इस साल प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (खेल श्रेणी) के लिए संगमनगरी से चयनित जिमनास्ट मोहम्मद राफे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वर्चुअल संवाद को लेकर रोमांचित हैैं।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Sun, 24 Jan 2021 09:00 AM (IST) Updated:Sun, 24 Jan 2021 09:00 AM (IST)
मंगोलिया में चमके मोहम्मद राफे का ख्वाब ओलंपिक गोल्ड मेडल,  PM Modi से बात करने का मौका मिलने से हैैं रोमांचित
संगम नगरी के मोहम्मद राफे का लक्ष्य ओलंपिक में देश के लिए गोल्ड मेडल लाना है।

प्रयागराज, जेएनएन। वर्ष 2019 में मंगोलिया की राजधानी उलान बाटर हवे में हुई जूनियर एशियन गेम्स में भारत को जिम्नास्टिक में कांस्य (ब्रांज मेडल) पदक दिलाने वाले संगम नगरी के मोहम्मद राफे का लक्ष्य ओलंपिक में देश के लिए गोल्ड मेडल लाना है। इस साल प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (खेल श्रेणी) के लिए संगमनगरी से चयनित जिमनास्ट मोहम्मद राफे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वर्चुअल संवाद को लेकर रोमांचित हैैं।

राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (खेल श्रेणी) के लिए हैैं चयनित

सोमवार को प्रधानमंत्री उनसे एनआइसी में चर्चा करेंगे। सिविल लाइन निवासी 17 वर्षीय मोहम्मद कहते हैैं कि यह उनके लिए गर्व का क्षण रहेगा। इसे वह कभी नहीं भुला सकेंगे। प्रदेश के जिन पांच बच्चों का बाल वीर सम्मान के लिए चयनित हुआ है, उनमें मोहम्मद राफे भी हैैं। 

सेना में भी चयनित

खेलगांव पब्लिक स्कूल में 12 वीं  के छात्र मोहम्मद राफे का चयन सेना में भी हो गया है। वह अब सेना की तरफ से खेलेंगे। फिलहाल वह पुणे स्थित सेना के कैंप में अभ्यासरत हैैं। वह जब पांच वर्ष के थे,तब से जिम्नास्टिक का प्रशिक्षण ले रहे हैैं। पिता नफीस व्यवसायी हैैं और माता शाहीन गृहिणी। खेल गांव के अंकित त्रिपाठी ने बतौर कोच उनकी प्रतिभा निखारी। 

परिवार व ऊपर वाले का शुक्रिया 

इस साल पुरस्कार के लिए चयनित होने पर खुशी जाहिर करते हुए मोहम्मद राफे परिवार और ऊपर वाले का धन्यवाद देते हैैं। कहते हैैं कि अब तक के सफर में परिवार के साथ मामू जावेद, भाई अनस ने विशेष सहयोग किया है। दोस्त अक्षिता प्रकाश ने भी हौसला बढ़ाया। जूनियर एशियन गेम्स में बीते 10 सालों वर्षों में भारत को जिम्मास्टिक में कोई मेडल नहीं मिला था। मोहम्मद कहते हैैं कि यह अब तक उनके करियर की सर्वोच्च उपलब्धि है।   

अब तक की उपलब्धि 

- राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पांच बार नेशनल चैंपियन 

- खेलो इंडिया यूथ गेम्स में तीन बार स्वर्ण पदक 

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