आज 36 बरस की हो गई दिल्‍ली तक जाने वाली प्रयागराज एक्सप्रेस Prayagraj News

16 दिसंबर 2016 को इसके डिब्बों को नवीनतम एलएचबी रेक में बदल दिया गया। पिछले साल इस गाड़ी के वर्षगांठ पर प्रयागराज जंक्शन पर भव्य समारोह का आयोजन भी किया गया था।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Thu, 16 Jul 2020 08:13 AM (IST) Updated:Thu, 16 Jul 2020 08:13 AM (IST)
आज 36 बरस की हो गई दिल्‍ली तक जाने वाली प्रयागराज एक्सप्रेस Prayagraj News
आज 36 बरस की हो गई दिल्‍ली तक जाने वाली प्रयागराज एक्सप्रेस Prayagraj News

प्रयागराज,जेएनएन। उत्तर मध्य रेलवे की प्रमुख टे्रनों में शुमार प्रयागराज एक्सप्रेस 16 जुलाई को अपने संचालन के 36 वर्ष पूर्ण कर लेगी। इसी तिथि को वर्ष 1984 से इलाहाबाद जंक्शन (अब प्रयागराज) से नई दिल्ली के बीच शुरू की गई इस टे्रन ने इस अवधि में कई आयाम स्थापित किए हैं।

दिसंबर 16 डिब्‍बों को एलएचबी रेक में बदला गया

प्रारम्भ में 17 वैक्यूम ब्रेक वाले लाल रंग के डिब्बे (कोच) इसमें थे। वर्ष 2003 में 24 कोच वाले नीले रंग के एयर बे्रक वाले कोच में इसे परिवर्तित कर दिया गया। इसके बाद 16 दिसंबर 2016 को इसके डिब्बों को नवीनतम एलएचबी रेक में बदल दिया गया। पिछले साल इस गाड़ी के वर्षगांठ पर प्रयागराज जंक्शन पर भव्य समारोह का आयोजन भी किया गया था। सीपीआरओ उत्तर मध्य रेलवे अजीत कुमार सिंह के मुताबिक इस बार कोरोना वायरस के संक्रमण में चलते कोई आयोजन नहीं किया जाएगा।

दिल्ली जाने को पहली पसंद

इस टे्रन की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जाता है कि प्रयागराज से दिल्ली जाने वाले यात्रियों की यह पहली पसंद है। बर्थ नहीं मिलने पर ही दूसरी टे्रन का चुनाव करते हैं। यह टे्रन 24 एलएचबी कोचों के साथ चलती है।

कोरोना ने डाला था खलल

कोविड-19 के तेज प्रसार को देखते हुए लॉकडाउन अवधि में यात्री टे्रनों को 50 दिनों के लिए निलंबित किया गया था। इसके उपरांत 12 मई व एक जून से विशेष टे्रनों के रूप में गाडिय़ों का संचालन शुरू हुआ, जिसमें दिल्ली के लिए उत्तर रेलवे की दो गाडिय़ां भी हैं जिनमें 'प्रयागराज एक्सप्रेसÓ भी शामिल है।

15 अगस्त को 155 वर्ष का हो जाएगा नैनी का यमुना रेलवे ब्रिज 

नैनी में यमुना नदी पर निर्मित रेलवे ब्रिज इसी 15 अगस्त को 155 साल का हो जाएगा। इंजीनियरिंग का बेजोड़ नमूना का गवाह यह ब्रिज प्रयागराज से दिल्ली व कोलकाता को जोड़ता है। 1859 में ब्रिज को बनाने का काम प्रारंभ हुआ और छह वर्ष का समय पूरा होने में लगा। प्रयागराज मंडल के पीआरओ सुनील कुमार गुप्ता के अनुसार 15 अगस्त वर्ष 1865 में इस पुल से रेल आवागमन प्रारंभ हुआ।

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