Heart Breaking Story: प्रयागराज में मां ढूंढ रही थी लाल, 35 दिन बाद हाथ में आया कंकाल

मूलचंद्र बिंद के पुत्र अंकित का 19 अगस्त को अपहरण कर लिया गया था। 25 अगस्त की दोपहर मोबाइल पर फोन कर मूलचंद्र से 70 लाख की फिरौती मांगी गई थी। कई रोज तक तलाश के बाद पुलिस ने मीरजापुर के जंगल में लाश बरामद की थी

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 10:31 AM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 12:03 AM (IST)
Heart Breaking Story: प्रयागराज में मां ढूंढ रही थी लाल, 35 दिन बाद हाथ में आया कंकाल
कपड़े की पोटली में कंकाल देख अचेत हुई मां, दारागंज घाट पर हुआ अंतिम संस्कार

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। जो बेटा कंधे के बराबर हो गया था। कुछ वर्ष में ही घर का सहारा बन जाता, वह कपड़े की पोटली में कंकाल के रूप में घर आया। जिसने बालक के कंकाल को पोटली में देखा, उसका कलेजा मुंह को आ गया। हर आंखें छलक गईं। यह कंकाल अंदावा जैन मंदिर के पास रहने वाले मूलचंद्र बिंद के 12 वर्षीय बेटे अंकित का था। गुरुवार शाम मूलचंद्र एक कपड़े की पोटली लेकर अपने भाइयों के साथ घर पहुंचा तो उसकी पत्नी आरती ने कहा कि बेटे का शव कहां है, जिस पर मूलचंद्र कपड़े की तरफ इशारा करते हुए फूट-फूट कर रोने लगा। उसकी पत्नी भी अचेत हो गई। लोगों ने मूलचंद्र को सहारा दिया और फिर दारागंज घाट पर अंकित के कंकाल का अंतिम संस्कार किया गया।

फोन आया, आकर ले जाइए बेटे का शव

मूलचंद्र बिंद को बुधवार को वाराणसी से फोन आया कि उनके पुत्र अंकित का पोस्टमार्टम और डीएनए टेस्ट हो गया है। वह गुरुवार को आकर शव को ले जा सकता है। गुरुवार सुबह मूलचंद्र अपने भाई लालचंद्र, पत्नी के भाई गया प्रसाद बिंद के साथ वाराणसी रवाना हुआ। साथ में सरायइनायत थाने के दो पुलिसकर्मी भी थे। लगभग 12 बजे वह वहां पहुंच गया। कागजातों पर हस्ताक्षर करने के बाद पोस्टमार्टम हाउस के कर्मचारी ने उसे कपड़े की एक पोटली दी, जिस पर मूलचंद्र ने कहा कि वह अपने बेटे का शव लेने आया है। कर्मचारी ने बताया कि यही है। अब सिर्फ कंकाल बचा है, जिसे कपड़े में रखा गया है। यह सुनते ही जिस कपड़े में उसके बेटे का कंकाल था, उसे उसने सीने से लगा लिया। वह वहीं बिलखने लगा। यह देखकर वहां मौजूद हर किसी के आंखों से आंसू छलक गए। लालचंद्र, गया प्रसाद व साथ मौजूद पुलिसकर्मियों ने किसी प्रकार उसे संभाला। कार में बैठाया और शाम को यहां घर ले आए। यहां पहुंचते ही मूलचंद्र की पत्नी आरती ने कहा कि बेटे की लाश कहां है, जिस पर वह कपड़ा दिखाते हुए रो पड़ा। बेटे का कंकाल कपड़े की पोटली में देखकर वह भी अचेत होकर गिर पड़ी। गांव की महिलाएं उसे संभालने में लगी रहीं। करीब दस मिनट यहां रुकने के बाद सभी दारागंज घाट के लिए निकल गए।

पिछले महीने अपहरण कर मार डाला था

सरायइनायत थाना क्षेत्र के अंदावा जैन मंदिर के पास रहने वाले मूलचंद्र बिंद के पुत्र अंकित का 19 अगस्त को अपहरण कर लिया गया था। 25 अगस्त की दोपहर मोबाइल पर फोन कर मूलचंद्र से 70 लाख की फिरौती मांगी गई थी। जिस पर पुलिस नंबर को ट्रेस कर आरोपितों तक पहुंच गई और उनकी निशानदेही पर मीरजापुर के ड्रामंडगंज जंगल से 29 अगस्त को अंकित का शव बरामद किया था। पोस्टमार्टम के लिए शव को पहले उसे मीरजापुर भेजा गया, जहां दूसरे दिन डाक्टरों ने डीएनए टेस्ट को लेकर शव को वाराणसी भिजवाया दिया था। वाराणसी में डाक्टरों ने पोस्टमार्टम और डीएनए टेस्ट में कुछ समय लगने की बात कही थी।

chat bot
आपका साथी