Prayagraj Coronavirus Vaccination: टीकाकरण की रफ्तार को ग्रामीण ही लगा रहे ब्रेक, गांवों में लगे शिविर में नहीं पहुंच रहे ग्रामीण

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. प्रभाकर राय का कहना है कि टीके लगवाने में ग्रामीणों का प्रदर्शन निराशाजनक है। यह हाल तब है जब शिविर गांव में लगाए जा रहे हैं और रजिस्ट्रेशन भी मौके पर हो रहा है। अब यह जिम्मेदारी ग्राम प्रधानों और युवाओं को संभालनी होगी।

By Rajneesh MishraEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 07:10 AM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 07:10 AM (IST)
Prayagraj  Coronavirus Vaccination:  टीकाकरण की रफ्तार को ग्रामीण ही लगा रहे ब्रेक, गांवों में लगे शिविर में नहीं पहुंच रहे ग्रामीण
तीन दिन में विशेष शिविर और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में टीकाकरण कुल मिलाकर 18 हजार के आसपास ही रहा।

प्रयागराज,जेएनएन। कोरोना रोधी टीका 18 साल से अधिक उम्र के प्रत्येक शख्स को लगाने पर सरकार का जोर है। ग्रामीण क्षेत्रों में फोकस अधिक है क्योंकि वहां अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाएं ज्यादा नहीं हैं। लेकिन घर के दरवाजे पर भी टीकाकरण शिविर लगने के बावजूद लोगों का रुझान संतोषजनक नहीं है। विकासखंड स्तर पर लगाए गए विशेष शिविर ट्रायल में ही स्वास्थ्य विभाग को निराश कर रहे हैं।

कोरोना से सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है। स्वास्थ्य विभाग भी नुकसान में रहा। अब जबकि तीसरी लहर की आशंका प्रबल बताई जा रही है। इसे देखते हुए अधिक से अधिक लोगों को टीका लगाकर कोरोना से सुरक्षित करना सरकार की प्राथमिकता है।

सुविधा मिली है तो करें कद्र

राजस्व गांवों में टीकाकरण शिविर लगाए गए हैं जिससे कि लोगों को टीके लगवाने के लिए कहीं दूर न जाना पड़े। प्रचार भी कराया गया लेकिन ग्रामीण इसका लाभ उठाने से परहेज कर रहे हैं। तीन दिन में विशेष शिविर और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में टीकाकरण कुल मिलाकर 18 हजार के आसपास ही रहा।

अपर्याप्त हैं स्वास्थ्य सुविधाएं

ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाएं सीमित हैं। ऐसे में टीका ही कोरोना से बचाव का मजबूत उपाय है जिसे समय रहते सरकार गांव तक पहुंच रही है।

ग्रामीणों का प्रदर्शन निराशाजनक

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. प्रभाकर राय का कहना है कि टीके लगवाने में ग्रामीणों का प्रदर्शन निराशाजनक है। यह हाल तब है जब शिविर गांव में ही जाकर लगाए जा रहे हैं और रजिस्ट्रेशन भी मौके पर किया जा रहा है। कहा गया है कि जिम्मेदारी ग्राम प्रधानों और युवाओं को संभालनी होगी। अपेक्षा है कि टीके के लिए जितने लोग अभी शिविर में पहुंच रहे हैं संख्या इससे तीन गुना हो।

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