Prayagraj Coronavirus Vaccination : निजी अस्पतालों में टीकाकरण बंद होने से भटक रहे लाभार्थी, दूसरी डोज के लिए जाना होगा सरकारी केंद्र पर
टीकाकरण के नोडल डा. आरएस ठाकुर का कहना है कि शासन के आदेश पर निजी अस्पतालों को वैक्सीन देना बंद किया गया है। उन्हें वैक्सीन अब कंपनी से सीधे क्रय करनी होगी। पहली डोज निजी अस्पताल में लगवा चुके हैं वे दूसरी डोज सरकारी केंद्रों में आकर लगवा सकते हैं।
प्रयागराज,जेएनएन। निजी अस्पतालों को कोविड-19 की वैक्सीन न मिलने से टीकाकरण पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। जो लाभार्थी निजी अस्पतालों में पहली डोज लगवा चुके हैं वे दूसरी डोज के लिए भटक रहे हैं। अस्पतालों का स्पष्ट रूप से कहना है कि उनके पास अब वैक्सीन नहीं है। क्योंकि बची हुई वैक्सीन भी सीएमओ कार्यालय ने उनसे वापस ले ली है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि शासन के आदेश पर निजी अस्पतालों को वैक्सीन देना बंद कर दिया गया है। निजी अस्पतालों को वैक्सीन सीधे इसकी निर्माता कंपनी से लेना होगा।
सरकारी अस्पतालों में टीकाकरण शुरू होने के कुछ दिनों बाद ही निजी अस्पतालों में भी टीके लगने लगे थे। हालांकि निजी अस्पतालों में टीके लगवाने पर 250 रुपये भुगतान करना होता है फिर भी सरकारी केंद्रों की भीड़ से बचने के लिए 45 साल से अधिक उम्र वाले लाभार्थी दाम देकर भी निजी अस्पतालों में टीके लगवा रहे थे। 30 अप्रैल के बाद यह व्यवस्था अचानक बंद कर दी गई। इससे जिनकी दूसरी डोज की तारीख 30 अप्रैल या इसके बाद की थी वे भटक रहे हैं।
इस संबंध में टीकाकरण के नोडल डा. आरएस ठाकुर का कहना है कि शासन के आदेश पर निजी अस्पतालों को वैक्सीन देना बंद किया गया है। उन्हें वैक्सीन अब कंपनी से सीधे क्रय करनी होगी। जो भी लोग पहली डोज निजी अस्पताल में लगवा चुके हैं वे दूसरी डोज सरकारी केंद्रों में आकर लगवा सकते हैं। बताया कि निजी अस्पतालों से बची हुई करीब 4000 डोज वापस ले ली गई है।
लोगों में भय की स्थिति
प्रयाग धर्मसंघ के अध्यक्ष राजेंद्र पालीवाल ने टीकाकरण की बदली व्यवस्था पर ऐतराज जताया है। कहा कि इन दिनों कोरोना संक्रमण भयावह है। ऐसे समय में जबकि लोग टीकाकरण की ओर उन्मुख हो रहे हैं तो निजी अस्पतालों में टीके लगाए जाने बंद कर दिए गए हैं। अस्पताल/नॄसगहोम के संचालक कह रहे हैं कि वैक्सीन अभी उपलब्ध नहीं है जिससे दूसरी खुराक के लिए इंतजार करना पड़ेगा। राजेंद्र पालीवाल ने इससे लोगों में भय की स्थिति है।