Prayagraj Coronavirus News : कोविड ड्यूटी में लगे शिक्षकों को मिले सुरक्षा किट, प्रोत्‍साहन भत्‍ता देने की मांग

शिक्षक कोरोना ड्यूटी पर जा रहे हैं उन्हें बिना सुरक्षा किट (पीपी किट मास्क दस्ताने) के कोबिड़ 19 सेंटर मेडिकल मोबाइल सेंटर या डोर टू डोर कोविड सेंटर व अन्य अस्पतालों पर ड्यूटी के लिए न भेजा जाए। बिना सुरक्षा किट के तमाम शिक्षक आज भी संक्रमित हो रहे हैं।

By Rajneesh MishraEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 08:56 AM (IST) Updated:Tue, 11 May 2021 08:56 AM (IST)
Prayagraj Coronavirus News : कोविड ड्यूटी में लगे शिक्षकों को मिले सुरक्षा किट, प्रोत्‍साहन भत्‍ता देने की मांग
कोरोना ड्यूटी करने वाले शिक्षकों के लिए प्रोत्साहन भत्ता के लिए आवाज उठाई।

प्रयागराज,जेएनएन। वैचारिक शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन ने प्रदेश पदाधिकारियों के साथ ऑनलाइन बैठक कर कोरोना ड्यूटी करने वाले शिक्षकों के लिए प्रोत्साहन भत्ता के लिए आवाज उठाई। कहा कि इस कठिन समय में सभी अध्यापक अपनी जान पर खेलकर ड्यूटी कर रहे हैं। उन्हें प्रोत्साहित करने की जरूरत है।

संगठन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ.ज्ञान प्रकाश सिंह ने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव व कोविड 19 ड्यूटी  के दौरान संक्रमण से बड़ी संख्या में शिक्षकों की मौत हुई है। प्रदेश में यह आंकड़ा करीब एक हजार पहुंच चुका है। प्रयागराज में भी 40 शिक्षक हमने खोए हैं। इस दौरान सभी को श्रद्धांजलि दी गई। दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की गई।

पीडि़त परिवारों के लिए मांगी 50 लाख की आर्थिक सहायता

वर्चुअल बैठक में शिक्षकों की विभिन्न समस्याओं पर चर्चा हुई। कहा गया कि विभाग की ओर से प्रत्येक शिक्षक को प्रोत्साहित करने की जरूरत है। कोरोना काल में जान गंवाने वाले सभी शिक्षकों को परिवार वालों को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए। यह भी कहा गया कि जो शिक्षक कोरोना ड्यूटी पर जा रहे हैं उन्हें बिना सुरक्षा किट (पीपी किट, मास्क, दस्ताने) के कोबिड़ 19 सेंटर, मेडिकल मोबाइल सेंटर या डोर टू डोर कोविड सेंटर व अन्य अस्पतालों पर ड्यूटी के लिए न भेजा जाए। बिना सुरक्षा किट के तमाम शिक्षक आज भी संक्रमित हो रहे हैं। इससे पूरा परिवार प्रभावित हो सकता है।

शिक्षकों के वेतन कटौती पर जताई नाराजगी

ऑनलाइन बैठक में शिक्षक नेताओं ने कहा कि तमाम अध्यापकों का वेतन रोका जा रहा है। जब कि वह कोरोना संक्रमित हैं या फिर परिवार में किसी तरह की मुश्किल है। इसके बाद भी अध्यापकों के साथ सहानुभूति नहीं बरती जा रही है। इस कार्य प्रणाली से यही पता चलता है कि शिक्षकों की उपेक्षा हो रही है।

chat bot
आपका साथी