Prayagraj Coronavirus News: संक्रमण की तीसरी लहर से मुकाबले की तैयारी, पीडियाट्रिक प्रशिक्षण में नर्सें भी होंगी शामिल
Prayagraj Coronavirus News डीजीएमई की वर्तमान गाइडलाइन के अनुसार तीसरी लहर आई और बच्चे ज्यादा संक्रमित हुए तो कोविड अस्पतालों में एक शिफ्ट में 27 डाक्टर व 100 नर्सों की जरूरत पड़ेगी। इसी अनुसार उन्हें प्रशिक्षित किया जाना है। प्रशिक्षण की तारीख अभी घोषित नहीं है।
प्रयागराज,जेएनएन। कोरोना की संभावित तीसरी लहर में अधिक से अधिक चिकित्सा स्टाफ को बच्चों के इलाज से संबंधित प्रशिक्षण दिया जाना है। इसमें नर्सों को भी शामिल किया गया है। स्टाफ नर्सों को डीजीएमई (डायरेक्टर जनरल आफ मेडिकल एजुकेशन) द्वारा आनलाइन प्रशिक्षण दिया जाना है। सभी का रजिस्ट्रेशन हो रहा है। प्रशिक्षण इसी महीने शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है। इसमें चिकित्सा विभाग के प्रोफेसर पहले से शामिल हैं। जूनियर और सीनियर रेजीडेंट को अभी शामिल होने की गाइडलाइन नहीं आई है।
तीसरी लहर की आशंका में इस बात पर जोर है कि बच्चे अधिक संक्रमित होंगे क्योंकि उन्हें अभी वैक्सीन नहीं लगी है। और बच्चे यदि ज्यादा संख्या में संक्रमित हुए तो उनके इलाज के लिए पर्याप्त पीडियाट्रिक डाक्टर व नर्सें नहीं हैं। क्योंकि बड़ों के इलाज व बच्चों के इलाज में काफी अंतर होता है। इसलिए दूसरी ब्रांच के डाक्टरों व नर्सों को भी प्रशिक्षित किए जाने की तैयारी काफी पहले से है। इसी के तहत नर्सों से आनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाए जा रहे हैं।
100 नर्स, 27 डाक्टरों की पड़ेगी जरूरत
डीजीएमई की वर्तमान गाइडलाइन के अनुसार तीसरी लहर आई और बच्चे ज्यादा संक्रमित हुए तो कोविड अस्पतालों में एक शिफ्ट में 27 डाक्टर व 100 नर्सों की जरूरत पड़ेगी। इसी अनुसार उन्हें प्रशिक्षित किया जाना है। प्रशिक्षण की तारीख अभी घोषित नहीं है।
प्रयागराज से दो मास्टर ट्रेनर चयनित
डीजीएमई ने प्रयागराज के सरोजनी नायडू बाल रोग चिकित्सालय यानी चिल्ड्रेन अस्पताल से डा. अनुभा श्रीवास्तव और डा. मनीषा मौर्या को मास्टर ट्रेनर के रूप में चयनित किया है। हालांकि अभी यह तय नहीं है कि ये मास्टर ट्रेनर अपने ही जिले में डाक्टर व नर्स को प्रशिक्षित करेंगे या डीजीएमई इनसे किसी और जिले के प्रशिक्षण में काम लेगा।
तैयारी रखना हमारी जिम्मेदारी
मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. एसपी सिंह ने बताया कि बच्चों पर कोरोना का असर आने की संभावना कम है लेकिन, तैयारी पूरी रखना हमारी जिम्मेदारी है। इसलिए नर्स और डाक्टरों को भी पीडियाट्रिक प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है। कहा कि अधिकांश रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं। अब सिर्फ प्रशिक्षण बाकी रह गया है।