Prayagraj Coronavirus News: परिषदीय स्कूलों के बच्चों को कोरोना से लडऩे का मंत्र देगा मीना मंच

मीना मंच में एक तिहाई बालक भी रहेंगे। बताया जाएगा कि वह समय समय पर हाथ धुलते रहें। एक दूसरे से शारीरिक दूरी बनाकर रहें। सैनिटाइजर का भी प्रयोग करें। छींकते खांसते समय मुंंह व नाक पर रुमाल जरूर रखें। बुखार खांसी व सांस दिक्‍कत हो तो डॉक्‍टर को दिखाएं।

By Rajneesh MishraEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 06:30 AM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 06:30 AM (IST)
Prayagraj Coronavirus News:  परिषदीय स्कूलों के बच्चों को कोरोना से लडऩे का मंत्र देगा मीना मंच
परिषदीय स्कूलों के विद्याॢथयों को मीना मंच की तरफ से कोरोना से लडऩे का मंत्र मिलेगा।

प्रयागराज,जेएनएन। परिषदीय स्कूलों के विद्याॢथयों को भी कोरोना से लडऩे का मंत्र मिलेगा। यह मंत्र मीना मंच की टोली ऑनलाइन देगी। जरूरत के अनुसार आफलाइन भी संपर्क करेगी। उन्हेंं समाज की अन्य कुरीतियों के प्रति भी जागरूक किया जाएगा। बालिकाओं को लैंगिक अपराध से बचने के भी तरीके बताए जाएंगे। स्कूलों में प्रेरक मीना व पॉवर एंजिल का भी चुनाव किया जाएगा।

महानिदेशक स्‍कूला शिक्षा की ओर से मातहतों को दिए गए निर्देश

महानिदेशक स्कूल शिक्षा की ओर से सभी खंड शिक्षाधिकारी, जिला समन्वयक बालिका शिक्षा, स्टेट रिसोर्स पर्सन (एसआरजी), तथा अकादमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) को भी दिशा निर्देश दिए गए हैं।

स्‍कूलों के वाटसग्रुप में भेजी जा रही जागरूकता संबंधी जानकारी

जिला समन्वयक प्रशिक्षण डा. विनोद मिश्र ने बताया कि स्कूलों के वाट्सएप ग्रुप में मीना की चिट्ठी व अन्य जागरूकता संबंधी जानकारी भेजी जा रही है। प्रेरक मीना का चयन सभी स्कूलों में जल्द किया जाएगा। इस मीना मंच में एक तिहाई बालक भी रहेंगे। बताया जाएगा कि वह समय समय पर हाथ धुलते रहें। एक दूसरे से शारीरिक दूरी बनाकर रहें। सैनिटाइजर का भी प्रयोग करें। छींकते, खांसते समय मुंंह व नाक पर रुमाल जरूर रखें। बुखार, खांसी व सांस लेने में कठिनाई हो तो डाक्टर के पास तुरंत जाएं। हमेशा मास्क पहनें। परिवार के सभी सदस्यों को कोरोना का टीका लगवाने के लिए प्रेरित करें। आंख, नाक या मुंह को बार बार न छुएं। सार्वजनिक स्थानों पर न थूकें।

कविता व गीत से करेंगे सजग

मीना मंच के सदस्य सहपाठियों को कविता व गीत के जरिए जागरूक बनाएंगे। प्रात:काल योग व प्राणायाम की सीख देंगे। घर के कार्यों में सहयोग करने, साफ सफाई, पौधे लगाने उनमें पानी देने, अपनी हर बात को माता पिता व बड़ों के समक्ष रखने की नसीहत देने के साथ ही क्राफ्ट, चित्रकला, कबाड़ से जुगाड़ जैसी गतिविधियों को अपनाकर सृजनात्मकता से भी जोडऩे का प्रयास किया जाएगा।

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