Prayagraj Coronavirus Effect: घर की जिम्मेदारी पूरा करने को पटना से आए थे प्रयागराज, महामारी ने छीना लिया रोजगार, घर वापस जाना मजबूरी

Prayagraj Coronavirus Effect फल के गोदाम में देखरेख करने का काम मिला था और 400 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी मिलती थी। बड़ी बहन की शादी के लिए रुपये जुटाने हैं। इसलिए घर से निकले थे। लेकिन काम बंद हो गया। ऐसे में यहां रुकना ठीक नहीं।

By Rajneesh MishraEdited By: Publish:Thu, 13 May 2021 10:41 AM (IST) Updated:Thu, 13 May 2021 10:41 AM (IST)
Prayagraj Coronavirus Effect: घर की जिम्मेदारी पूरा करने को पटना से आए थे प्रयागराज, महामारी ने छीना लिया रोजगार, घर वापस जाना मजबूरी
रोजगार छिनने पर जंक्‍शन पर पटना के लिए ट्रेन का इंतजार करते युवक।

प्रयागराज,जेएनएन। घर का खर्च और बहन की शादी की जिम्मेदारी कंधे पर है। ऐसे में कमाई का कोई जरिया भी न होने पर एक कश्ती पर सवार दो दोस्त पटना से निकले। ट्रेन में सवार होकर सीधे प्रयागराज पहुंचे। यहां काम की तलाश में हफ्तेभर भटकते रहे। जेब खर्च भी खत्म हो गया था। इस बीच उन्हें एक फल के गोदाम में देखरेख का काम मिल गया। लेकिन, बदकिश्मती ने यहां भी साथ नहीं छोड़ा चार माह में ही रोजगार छिन गया। दोनों घर लौट गए।

दरअसल, पटना के रहने वाले सोनू कुमार और दिलो कुमार दोस्त हैं। सपने पूरे करने के लिए वे फरवरी में प्रयागराज आए थे। उन्हें काम भी मिल गया। लेकिन, कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण बढ़ा तो कामकाज ठप हो गए। ऐसे में फल गोदाम के मालिक ने हिसाब कर कहा कि अभी घर जाओ। हालात सुधरने के बाद आना। जंक्शन पर ट्रेन के इंतजार में बैठे सोनू बताते हैं कि फल के गोदाम में देखरेख करने का काम मिला था और 400 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी मिलती थी। बड़ी बहन की शादी के लिए रुपये जुटाने हैं। इसलिए घर से निकले थे। लेकिन, काम बंद हो गया। ऐसे में यहां रुकना ठीक नहीं। मां और पिता को फिक्र हो रही थी। कई बार फोन कर बुलाने लगे।

दिलो कुमार ने बताया कि बड़ा बेटा होने के नाते उनके कंधों पर भी घर की जिम्मेदारी है। खेत नहीं है इसलिए माता-पिता  गांव के एक बड़े किसान की खेती का काम देखते हैं। लेकिन उतने में गुजारा नहीं हो पाता था। इसलिए कमाई के लिए रोजगार तलाशते हुए यहां पहुंचे थे। अब लौटना पड़ रहा है।

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