मैं जा रहा हूं, बच्चों और माता-पिता का ख्याल रखना, वाट्सएप पर यह लिखकर कारोबारी ने दी थी जान
पुलिस ने मोबाइल उठाया और उसे चेक किया तो वाट्सएप से घटना के दो मिनट पहले कई मोबाइल नंबरों पर मैसेज भेजे गए थे। ये मैसेज आशीष ने अपनी पत्नी श्वेता चचेरे भाई और कुछ जानने वालों को भेजा था। उसमें मार्मिक बातें लिखी थीं।
प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज में चौक स्थित ठठेरी बाजार के रहने वाले आशीष केसरवानी ने खुदकशी करने से पहले वाट्सएप पर पत्नी, चचेरे भाई व कुछ और जानने वालों को मैसेज किया था। उसमें लिखा था कि 'मैं जा रहा हूं, बच्चों और माता-पिता का ख्याल रखना'। इस मैसेज को कोई देखता, इससे पहले ही उसने लाइसेंसी रिवाल्वर से खुद को गोली मार ली थी। बाद में इस मार्मिक संदेश को पढ़कर हर कोई स्तब्ध रह गया। क्योंकि जब तक कारोबारी को वे ऐसा करने से रोकते, बहुत देर हो चुकी थी। अब रह गई थी तो केवल उसकी यादें ही।
पुलिस ने मोबाइल की जांच की तो पता चला
कारोबारी आशीष द्वारा खुद को गोली मारने की जानकारी पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और जांच पड़ताल की तो उसका मोबाइल वहीं पड़ा मिला। पुलिस ने मोबाइल उठाया और उसे चेक किया तो वाट्सएप से घटना के दो मिनट पहले कई मोबाइल नंबरों पर मैसेज भेजे गए थे। ये मैसेज आशीष ने अपनी पत्नी श्वेता, चचेरे भाई और कुछ जानने वालों को भेजा था। उसमें लिखा था कि 'मैं जा रहा हूं। मैं अपनी स्वेच्छा से जान दे रहा हूं। मेरे पीछे बच्चों और माता-पिता का ध्यान ख्याल रखना'।
एकलौता पुत्र था आशीष
आत्महत्या का यह मामला सोमवार का है। पुलिस ने इस मैसेज के बारे में घरवालों को बताया तब जाकर सभी को इसकी जानकारी हुई। आशीष की मौत के बाद उसकी पत्नी श्वेता, 10 वर्षीय बेटी पीहू और सात वर्ष की पलक की रो-रो कर हालत खराब है। माता-पिता भी बेटे को याद कर अचेत हो जा रहे हैं। आशीष ताराचंद्र केसरवानी का एकलौता पुत्र था। उसकी एक बहन भी है, जिसकी शादी दूसरी राज्य में हुई है। आशीष की मौत की जानकारी उसकी बहन को दी गई तो वह भी अपने ससुराल से रवाना हो गई।
हर कोई रह गया दंग
चौक इलाके में अचानक हुई इस प्रकार की घटना से हर कोई दंग रह गया। आशीष के घर के बाहर बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जुट गई। किसी की समझ में नहीं आया कि आखिर यह क्या हो गया है। चंद मिनट पहले जिस आशीष को आसपास के दुकानदारों ने देखा था, वह तो यकीन ही नहीं कर पा रहे थे कि अब वह दुनिया में नहीं है। आसपास के लोगों का कहना है कि आशीष काफी मिलनसार था। वह हंसमुख स्वभाव का था, लेकिन इधर कुछ दिनों से वह बेहद चुप रहता था। किसी को कुछ नहीं बोलता था।