कारोबारी के कैशियर से लूट में गिरोह सरगना की तलाश में जुटी है प्रतापगढ़ पुलिस
शराब कारोबारी के गोदाम के कैशियर अनिल मिश्रा से 20 अक्टूबर को शहर से सटे सई पुल के पास बाइक सवार बदमाश सवा आठ लाख रुपये व बाइक लूट ले गए थे। इस घटना में बदमाशों की तलाश में स्वाट व सर्विलांस की टीम लगाई गई थी
प्रतापगढ़, जेएनएन। शराब कारोबारी के कैशियर से सवा आठ लाख रुपये की लूट की वारदात में पुलिस गिरोह के सरगना की तलाश कर रही है। पुलिस की टीमें संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही हैं।
तीन रोज पहले गिरफ्तार हुए थे लुटेरे
नगर कोतवाली क्षेत्र के महुली बाजार में स्थित शराब कारोबारी के गोदाम के कैशियर अनिल मिश्रा से 20 अक्टूबर को शहर से सटे सई पुल के पास बाइक सवार बदमाश सवा आठ लाख रुपये व बाइक लूट ले गए थे। इस घटना में बदमाशों की तलाश में स्वाट व सर्विलांस की टीम लगाई गई थी। काफी प्रयास के बाद पुलिस ने घटना में शामिल सिराज अली, दिनेश वर्मा पुत्र रमाशंकर निवासी शीतलागंज थाना कंधई, जितेंद्र सरोज पुत्र रामफेर सरोज निवासी नीमा ढकवा, थाना देवसरा, राहुल सरोज पुत्र लालता सरोज निवासी नेवादा थाना महराजगंज जिला जौनपुर, शनी खरवार पुत्र राम अवतार निवासी गौरीकला थाना बक्सा जौनपुर, सौरभ यादव पुत्र राजेंद्र निवासी गौराखुर्द थाना महराजगंज को शुक्रवार की रात गिरफ्तार कर लिया था।
गैंग सरगना की लोकेशन मुंबई में
एसपी सतपाल अंतिल ने बताया कि इस गिरोह का सरगना गुंजेश सरोज निवासी गौरीकलां थाना बक्सा जिला जौनपुर का रहने वाला है। वह घटना के बाद से फरार है। उसकी लोकेशन मुंबई में मिल रही है, पुलिस की टीमें संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही हैं। सरगना की तलाश में पुलिस की टीमें दबिश दे रही हैं, जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पुलिस की एक टीम को उसकी तलाश में मुंबई भी भेज दिया गया है।
किसने की चोरी में मदद, हो रही है उनकी तलाश
डा. सोनेलाल पटेल राजकीय मेडिकल कालेज के प्रताप बहादुर अस्पताल से लाखों की मशीन चोरी का राज खुल जाने के बाद भी जांच जारी है। चोरी की इस सनसनीखेज घटना में पुलिस ने निजी पैथालाॅजी के संचालक सहित तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है। अभी दो आरोपित फरार हैं, जब वह पकड़े जाएंगे तो कई और राज से पर्दा हटेगा। अस्पताल के एनसीडी कक्ष से दीपावली की रात कुंडी काटकर चोर ब्लड काउंट मशीन चुरा ले गए थे। अस्पताल के सीसीटीवी कैमरे की फुटेज देखने पर पुलिस को चोरों के बारे में सुराग मिला। पता चला कि अपनी प्राइवेट पैथालाजी चलाने वाले मनीष रावत मशीन को खरीदा था। उसे अपनी पैथालाजी के लिए मशीन की जरूरत थी। मशीन महंगी होने की वजह उसने चोरी कराने की योजना बनाई। अब पुलिस व मेडिकल कालेज प्रशासन उन दो अस्पताल कर्मियों के बारे में पता लगा रहे हैं जो इस गलत काम में उनके मददगार बने। उनके पकड़े जाने पर और गहरा राज खुलेगा क्योंकि यह तय है कि बिना विभाग के कर्मी के सहयोग के ऐसी घटना हो नहीं सकती। इस बारे में सीएमएस डा. सुरेश सिंह का कहना है कि आंतरिक जांच कराई जा रही है।